अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में कई पुरस्कार जीतने के बाद निर्देशक शादाब खान की फिल्म ‘राबिया एंड ओलिविया’ अब 24 फरवरी को डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ हो रही हैं । आइये जानते हैं कैसी यह फिल्म।
फिल्म: राबिया एंड ओलिविया
कलाकार : शीबा चड्ढा , नायब खान , हेलेना परिजेन क्लगुए , मुस्तफ़ा शेख़ , शादाबखान
निर्माता : युसूफ शेख
सह निर्माता : तमारा गज्जाज
लेखक और निर्देशक:शादब खान
रनटाइम : 1 घंटा 25 मिनट
सेंसर : यू
रेटिंग्स: 3 स्टार्स
कहानी: ये कहानी राबिया नाम की 25 वर्षीय भारतीय लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अच्छी कमाई के लिए अवैधरूप से कनाडा चली जाती है और वहां रिफ्यूजी बनकर रहने लगती है। बेहद कम उम्र में भारत में एक सड़क दुर्घटना में उसके पिता का देहांत हो जाता है। दूसरी ओर ओलिविया एक 9 साल की ऐसी लड़की है जो कैंसर के चलते अपनी मां को खो बैठती है और अपने पिता के साथ रहती है। ओलिविया को नाईट टेरर अटैक की बीमारी है। यहां काम की तलाश में राबिया ओलिविया की देखभाल का जिम्मा उठाती है और उसे बेहद प्रेम से रखती है। राबिया उसका हर तरह से ख्याल रखती है और उसे अपनेपन का एहसास कराती है। ये कहानी भारतीय और पश्चिमी सभ्यता के ट्विस्ट के साथ आगे बढ़ती है।
अभिनय: फिल्म में राबिया के किरदार में नायाब खान और ओलिविया के किरदार में हेलेना प्रिंज़ल क्रिंगल का बेहद खूबसूरत परफॉर्मेंस दिया है। फिल्म का अधिकतर हिस्सा गंभीर विषय पर बात करता है लेकिन दोनों ही कलाकार अपने किरदार को अपनी दमदार एक्टिंग से आगे बढ़ाते हैं। राबिया की मां के किरदार में शिबा चड्ढा का अभिनय शानदार है। वह अपने संवाद से किरदार के दर्द को महसूस कराने में कामयाब रहती हैं। ईशान के किरदार में शादाब खान और नासिर भाई के किरदार में अफ्रोज खान के अभिनय में स्वाभिकता हैं।
फाइनल टेक: लेखक निदेशक शादाब खान ने एक बेहद ही इमोशनल कहानी को साधारण स्क्रीन प्ले के साथ प्रभावशाली तरीके से पर्दे पर दिखाते हैं। फिल्म के एक दृश्य में राबिया की माँ शिबा चड्ढा कहती हैं सब्र और प्यार सब ठीक हों जाता हैं। निर्देशक एक बेहद ही गंभीर विषय पर एक प्यारी सी फिल्म बनाने में सफल रहे हैं फिल्म दर्शकों को कोई संदेश या ज्ञान नहीं देती बल्कि अपने संवादों और दृश्यों ज़रिए दिल में उतर जाती हैं। निर्माता यूसुफ़ शैख़ के अंग्रेजी के संवाद के साथ ही फिल्म के गाने भी कमाल के लिखे हैं जो इस फिल्म को एक शानदार फिल्म बनाते हैं। क्यों देखें राबिया एंड ओलिविया एक प्यारी सी कहानी, बढ़िया अभिनय और सधे निर्देशन और संवाद से यह फिल्म खूबसूरत बन जाती हैं। फिल्म की टोरंटो, मुंबई और औरंगाबाद की खूबसूरत लोकेशंस के साथ मीठे गानों ‘ए जिंदगी थम तो जरा, ‘ए जिंदगी तू मुस्कुरा गाना‘ और ‘आंखों की कोठारी में‘ और ‘ओ रीं ज़िंदगी‘ को महसूस करने के लिये यह फिल्म देखना जरूरी हैं।