5 साल बाद मिश्री पंचायत में गूंज उठी लोकतंत्र की आवाज! |
ग्रामीणों की जिद और जनदबाव ने करवाया कमाल, खुली बैठक में प्रधान प्रतिनिधि ने सार्वजनिक रूप से मांगी माफी |
🖋 संवाददाता – राजन जायसवाल
📍 कोन / सोनभद्र।
विकासखंड कोन की ग्राम पंचायत मिश्री ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखा—पिछले पांच वर्षों में पहली बार पंचायत भवन में खुली आम सभा का आयोजन किया गया। यह वही पंचायत है, जहां जनता को अपनी बात कहने के लिए कोर्ट और शासन-प्रशासन के दरवाज़े खटखटाने पड़े थे।

बैठक की शुरुआत ही चौंकाने वाली रही, जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नीलेश राम भारती ने मंच से ही जनता से माफी मांगी। यह क्षण ग्रामीणों के लिए एक भावनात्मक जीत जैसा रहा। ग्रामीणों की लगातार कोशिशों और दबाव के आगे आखिरकार पंचायत को झुकना पड़ा।
न्याय की उम्मीद में लड़ी लंबी लड़ाई
ग्रामीण महावीर पासवान ने बताया, “हमें न्याय के लिए कोर्ट से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक गुहार लगानी पड़ी। लेकिन आज की बैठक बताती है कि हमारी आवाज को आखिरकार सुना गया।”
वहीं सूर्य प्रकाश ने इसे “न्याय की जीत” बताया और कहा कि यह एक नई शुरुआत हो सकती है।
पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ संवाद
बैठक में ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक सिंह, ग्राम प्रधान तारा देवी, पंचायत सहायक रूबी कुमारी, केयरटेकर प्रमिला देवी और कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि “ग्रामीणों द्वारा मांगी गई रिपोर्टें कुछ दिनों में सार्वजनिक की जाएंगी।”
अब निगाहें शासन-प्रशासन की कार्रवाई पर
उपेंद्रनाथ दुबे ने कहा, “बैठक देखकर जनता में उत्साह है, लेकिन असली परीक्षण तब होगा जब शासन इस पर ठोस कार्रवाई करेगा।”
संजय कुमार ने पंचायत के पिछले पांच वर्षों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “इतने लंबे समय तक जनता को अंधेरे में क्यों रखा गया?”
बैठक में उमड़ा जनसैलाब
बैठक में धर्मजीत कनौजिया, उमेश कुमार, अरविंद कुमार, नीलम देवी, विंध्याचल साह, अमरनाथ कनौजिया, पुरुषोत्तम दास भारती, दिनेश कनौजिया, शशिधर भारती समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।


