मानवता की मिसाल: फ्लोरोसिस से पीड़ित ग्रामीणों की मदद को आगे आए बैंक मैनेजर

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मानवता की मिसाल: फ्लोरोसिस से पीड़ित ग्रामीणों की मदद को आगे आए बैंक मैनेजर

कचनरवा(कोन/सोनभद्र)।

जहां सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोग अक्सर महीनों तक इंतजार करते हैं, वहीं इंडियन बैंक कचनरवा के शाखा प्रबंधक अलख नारायण ने एक उदाहरणीय पहल कर जरूरतमंदों की जिंदगी में नई उम्मीद जगा दी।

कचनरवा और आसपास के क्षेत्रों में पानी में अत्यधिक फ्लोराइड की मौजूदगी के कारण फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी फैल चुकी है, जिससे कई ग्रामीण शारीरिक रूप से अपाहिज हो गए हैं। ये पीड़ित लंबे समय से विकलांग पेंशन और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से वंचित थे, क्योंकि आधार से केवाईसी नहीं हो पा रही थी।

इस गंभीर स्थिति की जानकारी मिलने पर बैंक मैनेजर अलख नारायण ने तत्काल संज्ञान लिया और प्रभावित परिवारों तक स्वयं पहुँचकर उनकी समस्या को हल करने की कोशिश की।

नेटवर्क की खराबी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कई लोगों का केवाईसी उनके घर जाकर किया और जहां नेटवर्क नहीं था, वहां से ग्रामीणों को टेंपो में लाकर बैंक शाखा कचनरवा पर केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कराई।

उनके प्रयास से 18 लोगों का बैंक केवाईसी सफलतापूर्वक पूरा हुआ, जिससे अब उन्हें विकलांग पेंशन और किसान सम्मान निधि का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह वे योजनाएं थीं, जिनसे ये लोग पिछले एक साल से वंचित थे।

अलख नारायण के इस सराहनीय कार्य से न केवल इन पीड़ित परिवारों को राहत मिली है, बल्कि क्षेत्र में एक नई उम्मीद और मानवता का संदेश भी गया है। उनके इस प्रयास की स्थानीय लोगों और समाजसेवियों द्वारा सराहना की जा रही है।

📌 मुख्य बिंदु:

फ्लोरोसिस से अपाहिज ग्रामीण योजनाओं से वंचित थे

आधार केवाईसी न होने से एक साल से नहीं मिल रही थी पेंशन

बैंक मैनेजर ने घर-घर जाकर की मदद, नेटवर्क बाधा के बावजूद नहीं मानी हार

टेंपो से लाकर बैंक परिसर में पूरी कराई प्रक्रिया

18 ग्रामीणों को मिला लाभ, औरों के लिए भी बने उम्मीद

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