प्रकृति और स्त्री के संबंध को दिखाता है गीता श्री का उपन्यास ‘सामा-चकवा’

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प्रकृति और स्त्री के संबंध को दिखाता है गीता श्री का उपन्यास ‘सामा-चकवा’

नई दिल्ली वर्ल्ड बुक फेयर में राजपाल एंड संस के स्टॉल पर सुपरिचित कथाकार गीता श्री के उपन्यास ‘सामा-चकवा’ का लोकार्पण किया गया. लोकार्पण के बाद उपन्यास पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में कई नामचीन लेखक और पत्रकार शामिल हुए. पत्रकार जयंती रंगनाथन, अणु शक्ति सिंह, पंकज सुबीर, पारुल और राजपाल एंड संस की प्रमुख मीरा जौहरी ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए.

प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक जयंती रंगनाथन ने कहा कि ‘सामा-चकवा’ में राधा-कृष्ण की बेटी की कथा है, जिसमें प्रकृति प्रेम दिखाया गया है. ‘सामा-चकवा’ की लोक कथा को बेहद खूबसूरत ढंग से गीता श्री ने इन उपन्यास में लिखा है. यह उपन्यास नहीं एक विमर्श है. उन्होंने कहा कि उपन्यास की भाषा बेहद सरल एवं पठनीय है.

अणु शक्ति सिंह ने कहा कि ‘सामा-चकवा’ की कथा बचपन से सुनते आ रहे हैं लेकिन गीता श्री ने इस लोक कथा को पर्यावरण और स्त्री को केंद्र में रखकर बेहद अच्छा उपन्यास लिखा है. प्रभात रंजन ने कहा कि ‘सामा-चकवा’ उपन्यास में गीता श्री द्वापर युग की प्रेम कथा का जाना-पहचाना किस्सा लिखती हैं. उपन्यास को बेहद शानदार ढंग से लिखा गया है जोकि इसे पठनीय बनाता है.

मंच संचालन करते हुए पंकज सुबीर ने कहा यह उपन्यास प्रकृति और स्त्री के संबंध को दिखाता है. एक चिड़िया का प्रकृति को बचाने की कथा इस उपन्यास में है. इस उपन्यास में पर्यावरणीय चेतना देखने को मिलती है. उपन्यास में ‘सामा-चकवा’ लोक कथा को बेहद मार्मिक ढंग स व्यक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि गीता श्री लोक में धंसी हुई लेखिका हैं. उनकी भाषा लोक की भाषा है. लेखिका पारुल ने कहा कि गीता श्री की कथा कहन शैली बेहद खूबसूरत है. इस उपन्यास में स्त्री का पर्यावरण के प्रति प्रेम चित्रित किया गया है. स्त्री और प्रकृति के संबंध, प्रेम और विरह को भी दिखाया गया है.

गीता श्री ने कहा कि ‘सामा-चकवा’ बिहार में खेले जाने वाला एक लोक खेल है जोकि एक विशेष अवसर पर खेला जाता है और ये खेल सात दिन खेला जाता है. उन्होंने कहा कि सामा उपेक्षित रही है उसे इस उपन्यास में विशेष स्थान दिया गया है.

गीता श्री ने कहा कि सामा और चकवा एक पक्षी जोड़ा है जोकि दिन भर साथ रहते हैं और रात में बिछड़ जाते हैं क्योंकि उन्हें श्राप मिला हुआ है. इस उपन्यास में पर्यावरण और स्त्री दोनों के परस्पर संबंध को दिखाया है.

Tags: Books, Hindi Literature, Hindi Writer, Literature

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