नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आज यानी शनिवार को 12 चीते आएंगे। भारतीय वायुसेना का विमान गैलेक्सी ग्लोबमास्टर C17 चीतों को लेकर आज 10 बजे के करीब ग्वालियर पहुंचेगा। चीतों के पहुंचने पर इस उद्यान में चीतों की संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी। एक अध्ययन में कहा गया है कि इन चीतों से आसपास रहने वाले लोगों के लिए खतरा बहुत ही कम है। दक्षिण अफ्रीका से लाये जा रहे 12 चीतों के इस जत्थे में सात नर और पांच मादा चीते हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत नामीबिया से लाये गये आठ चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजड़ों के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में पृथकवास में छोड़ा था, जिनमें पांच मादा एवं तीन नर चीते हैं।
#WATCH | 12 Cheetahs loaded onto the Galaxy Globemaster C17 of Indian Air Force. The aircraft is expected to reach Madhya Pradesh’s Gwalior at around 10 am today.
(Video source: South African Department of Forestry, Fisheries and Environment’s Twitter handle) pic.twitter.com/jGE4IoD3hi
— ANI (@ANI) February 17, 2023
भारत में अंतिम चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को देश में 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। दक्षिण अफ्रीका में ‘चीता मेटापोपुलेशन’ के समन्वयक विंसेंट वान डेर मेरवे द्वारा लिखित परियोजना की जोखिम प्रबंधन योजना के अनुसार, “इन चीतों से मानव पर हमले का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। इसलिए इन चीतों से कूनो राष्ट्रीय उद्यान के आसपास रहने वाले लोगों के लिए खतरा बहुत ही कम है।”
दक्षिण अफ्रीका से भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान से शनिवार सुबह ग्वालियर पहुंचने के 30 मिनट बाद इन चीतों को वहां से भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से करीब 165 किलोमीटर दूर कूनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाया जाएगा।
एक विशेषज्ञ ने बताया था कि दोपहर करीब 12 बजे कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचने के बाद इस चीतों को आधे घंटे (दोपहर 12.30 बजे) के बाद पृथक-वास में बाड़ों में रखा जाएगा। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इन चीतों की देखभाल के लिये व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
पृथक-वास बाड़ों में 12 चीतों को रखने के लिये 10 पृथक-वास बाड़े तैयार किये गये हैं। इनमें 8 नये और 2 पुराने पृथक-वास बाड़ों को परिवर्तित किया गया है। इसके अलावा, दो आइसोलेशन वार्ड तैयार किये गये हैं। सभी पृथक-वास बाड़ों में छाया के लिये शेड बनाये गये हैं। चीतों के लिये पानी की व्यवस्था की गई है।” उन्होंने कहा कि हेलीकाप्टर से 12 चीतों को उतारने के बाद उन्हें पृथक-वास बाड़ों में लाया जायेगा। हेलीपेड से पृथक-वास बाड़ों की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। (एजेंसी इनपुट के साथ)