अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद के बीच RBI गवर्नर ने कहा, भारत की बैंकिंग प्रणाली लचीली और मजबूत

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अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद के बीच RBI गवर्नर ने कहा, भारत की बैंकिंग प्रणाली लचीली और मजबूत

मुंबई : अदाणी ग्रुप और अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के विवाद के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) समेत भारत की बैंकिंग प्रणाली लचीला और मजबूत बना हुआ है. आरबीआई गवर्नर की ओर से रेपो रेट में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान करने के बाद डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का एक्सपोजर अंतर्निहित परिसंपत्तियों, परिचालन नकदी प्रवाह और कार्यान्वयन के तहत परियोजनाओं के खिलाफ था और यह बाजार आकार पर आधारित नहीं था.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली की ताकत, आकार और लचीलापन अब इस तरह के मामले से प्रभावित होने के लिए बहुत मजबूत और बड़ा है. हालांकि, इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने अदाणी ग्रुप का नाम नहीं लिया. आरबीआई प्रमुख ने यह भी कहा कि बैंकों के मूल्यांकन के तरीकों में पिछले वर्षों में सुधार हुआ है और केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया, जिसमें दिशानिर्देश तैयार करना, ऑडिट और जोखिम प्रबंधन समितियों की स्थापना करना शामिल है.

गवर्नर शक्तिकांत दास से पूछा गया था कि क्या आरबीआई रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट के संदर्भ में अदाणी ग्रुप के शेयरों में हुए नुकसान के संबंध में घरेलू बैंकों को दिशानिर्देशित करने पर विचार कर रहा है? इसके जवाब में शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से आरबीआई बैंकिंग सेक्टर पर लगातार निगरानी रखता है.

विपक्षी नेता अदाणी ग्रुप पर हमलावर

विपक्षी नेताओं ने अदाणी के शेयरों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे सार्वजनिक वित्तीय निकायों के बड़े जोखिम को चिह्नित किया है. विपक्ष की ओर से इस प्रकार की टिप्पणी अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रसर्च की एक रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले ग्रुप पर शेयरों में दशकों से धोखाधड़ी और लेखांकन में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.

अदाणी ग्रुप के मार्केट में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के फर्मों के शेयरों में गिरावट आने लगी और ग्रुप के मार्केट कैप में करीब 100 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ. इतना ही नहीं, शॉर्ट सेलिंग फर्म की रिपोर्ट में आरोप लगने के बाद अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी को अदाणी एंटरप्राइजेज के करीब 2.5 बिलियन एफपीओ को रद्द करना पड़ा. हालांकि, अदाणी ग्रुप के कुछ फर्मों के शेयरों में गिरावट होने का सिलसिला कुछ दिनों से थमा हुआ है.

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