विंढमगंज क्षेत्र में मिलीभगत से जारी अवैध खनन, रातभर चल रहा बालू का खेल

0

 

विंढमगंज क्षेत्र में मिलीभगत से जारी अवैध खनन, रातभर चल रहा बालू का खेल

विंढमगंज। क्षेत्र के कोरगी और पतरिहा मार्ग के जरिए महुली तक इन दिनों बालू का अवैध खनन लगातार जारी है। कनहर और मलिया नदी क्षेत्र में रात होते ही खनन का खेल शुरू हो जाता है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी जिन विभागों पर है, उन्हीं के कुछ लोग कथित रूप से हिस्सेदारी लेकर मौन बने हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार खननकर्ता दिन में विंढमगंज और झारखंड सीमा से जुड़े गांवों में घूमकर बालू के ग्राहकों की तलाश करते हैं। ऑर्डर मिलने के बाद रात में तय रणनीति के तहत पुलिस और वन विभाग से संपर्क स्थापित किया जाता है, जिसके बाद खनन की खुली छूट मिल जाती है। आधी रात से लेकर सुबह करीब सात बजे तक नदी के किनारे ट्रैक्टरों की आवाजाही जारी रहती है।

अवैध कारोबार में जुड़े ट्रैक्टर संचालक खुलेआम यह कहते सुनाई देते हैं कि पूरा सिस्टम “सेट” है। पैसा फेंको, तमाशा देखो जैसी कहावत यहां चरितार्थ होती दिख रही है। कनहर नदी हो या आसपास की पहाड़ियां—दोनों जगहों पर बेखौफ तरीके से कटान जारी है, जिससे क्षेत्र की प्राकृतिक संरचना गंभीर खतरे में पड़ती जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि मलिया और कनहर नदी क्षेत्रों से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर बालू निकालते हैं, जो कोरगी–पतरिहा मार्ग से होते हुए महुली की ओर भेजे जाते हैं। आरोप यह भी है कि क्षेत्र में संबंधित विभागों की “मासिक इंट्री” फिक्स होने के कारण अधिकारियों की क्षेत्र में मौजूदगी की सूचना पहले ही खननकर्ताओं तक पहुंच जाती है, जिससे किसी भी कार्रवाई की संभावना नगण्य रह जाती है।

लगातार बढ़ रहे अवैध खनन से परेशान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र की नदियों में हो रही इस गतिविधि की गोपनीय जांच कराई जाए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि नदियों के अस्तित्व को बचाया जा सके और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण संभव हो सके।

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here