कोलिनडूबा-मुडिसेमर बॉर्डर पर पुलिया निर्माण की मांग तेज – ग्रामीणों में उबाल

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कोलिनडूबा-मुडिसेमर बॉर्डर पर पुलिया निर्माण की मांग तेज – ग्रामीणों में उबाल |

“पुलिया नहीं बनी तो सड़क होगी बंद, जीवन होगा अंधकारमय” – ग्रामीणों की चेतावनी

विंढमगंज/सोनभद्र।

कनहर सिंचाई परियोजना की नहर का कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन इसके कारण कोलिनडूबा-मुडिसेमर बॉर्डर के ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों ने पुलिया निर्माण की मांग को लेकर प्रशासन और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि यदि नहर के ऊपर पुलिया नहीं बनी तो सैकड़ों लोगों का आवागमन पूरी तरह ठप हो जाएगा और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

ग्रामीणों ने बताया कि हुलास राम यादव और राजकुमार यादव के घर के पास से गुजरने वाला मार्ग पहले ही जर्जर है। नहर निर्माण पूरा होने के बाद यह रास्ता पूरी तरह कट जाएगा, जिससे आसपास के गाँवों के लोग बाजार, स्कूल, अस्पताल और गैस एजेंसी जैसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे। बिहार-झारखंड सीमा से सटे इस क्षेत्र में पुलिया निर्माण की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है, लेकिन अब कार्य की तेजी से प्रगति के चलते स्थिति और गंभीर हो गई है।

ग्रामीणों ने कहा, “अगर पुलिया का निर्माण नहीं हुआ तो बच्चों की पढ़ाई रुक जाएगी, बीमारों को समय पर इलाज नहीं मिलेगा और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार और सिंचाई विभाग तत्काल ठोस कदम उठाएँ, अन्यथा हमें बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।”

पुलिया निर्माण की मांग में सक्रिय रहे प्रमुख ग्रामीण:

ओम प्रकाश यादव, संतोष यादव, मनोज कुमार, अशोक कुमार, राजकुमार यादव, सुभाचन, प्रेम खरवार, राम विचार,

कृष्ण शंकर यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।

ग्रामीणों की एकजुट आवाज अब शासन-प्रशासन तक पहुँच चुकी है। अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार विभाग इस गंभीर समस्या पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है—क्या समय रहते पुलिया बनेगी या फिर ग्रामीणों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा?

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