दुद्धी (सोनभद्र)। शनिवार को दुद्धी नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कस्बा स्थित पुरानी कोतवाली परिसर में भव्य जन्मोत्सव कार्यक्रम हुआ। इसके अलावा श्री राधा-कृष्ण मंदिर, श्री संकटमोचन मंदिर, मां काली मंदिर, शिवाला शिव मंदिर, विष्णु मंदिर, प्राचीन हनुमान मंदिर, पंचदेव मंदिर, शिवाजी तालाब शिव-हनुमान मंदिर, रामनगर शिव मंदिर, डिवहार बाबा मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

मंदिरों में भगवान कृष्ण की मूर्तियों का पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी व गंगाजल) से अभिषेक किया गया। नये वस्त्रों से श्रृंगार कर झिलमिलाती विद्युत झालरों और आकर्षक झांकियों से मंदिर प्रांगण को सजाया गया।
पूजा-अर्चना की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण व हवन से हुई। रात्रि 12 बजे जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का समय हुआ, पूरा नगर “जय कन्हैयालाल की” के जयकारों से गूंज उठा और वातावरण कृष्णमय हो गया।
भक्तों ने घरों में भी विशेष पूजा, आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन किया। “हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की” और “नन्द के आनंद भयो” जैसे भजनों की ध्वनि से नगर का माहौल भक्तिमय बन गया। कई श्रद्धालु भगवान के नाम का जाप करते हुए भक्ति में सराबोर दिखे।
पूजा समितियों द्वारा नगर के विभिन्न स्थलों पर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। इस दौरान कृष्ण भक्ति व उनके संदेशों पर चर्चा हुई। श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने समानता, कर्म और नीति को जीवन का आधार बनाने का संदेश दिया, जिसे अपनाकर हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।
सुबह से देर रात तक नगर में भजन-कीर्तन, झांकियों और जयकारों की गूंज बनी रही। पूरा दुद्धी नगर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में मग्न दिखाई दिया।


