विण्ढमगंज का भारतीय इंटर कॉलेज बना हादसे का इंतजार: 1000 से अधिक आदिवासी छात्र-छात्राएं मौत के साये में पढ़ाई को मजबूर |

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विण्ढमगंज का भारतीय इंटर कॉलेज बना हादसे का इंतजार: 1000 से अधिक आदिवासी छात्र-छात्राएं मौत के साये में पढ़ाई को मजबूर |

विण्ढमगंज (सोनभद्र), उत्तर प्रदेश:

झारखंड बॉर्डर से सटे आदिवासी बहुल क्षेत्र दूधी विधानसभा के अंतर्गत स्थित भारतीय इंटर कॉलेज, विण्ढमगंज, इन दिनों जर्जर हालत में तब्दील हो चुका है। यह वही विद्यालय है, जहां करीब 1000 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें अधिकांश गरीब, दलित और आदिवासी समुदाय से आते हैं।

विद्यालय की हालत इतनी भयावह हो चुकी है कि कई कक्षा-कक्ष पहले ही धराशायी हो चुके हैं, और जो अभी भी खड़े हैं, उनकी छतें कभी भी गिर सकती हैं। बच्चों और शिक्षकों को हर दिन डर के साये में पढ़ाई करनी पड़ रही है। विद्यालय की छतें अब “काल” बनकर हर दिन मंडरा रही हैं।

स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा तो विण्ढमगंज में झालावाड़ जैसा दर्दनाक हादसा हो सकता है।

केंद्र सरकार का आदेश, फिर भी लापरवाही क्यों?

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सभी विद्यालयों का सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिया है, लेकिन भारतीय इंटर कॉलेज विण्ढमगंज को शायद इस निर्देश से वंचित रखा गया है। अभी तक किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर विद्यालय की वास्तविक स्थिति का मुआयना नहीं किया है।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से मांग विद्यालय की तुरंत सुरक्षा जांच कराई जाए।

जर्जर भवन को गिराकर नए भवन निर्माण की कार्यवाही तुरंत शुरू की जाए।

बच्चों की शिक्षा को बाधित न करते हुए, वैकल्पिक कक्षाओं या टेंट व्यवस्था की जाए।

दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय हो।

यह केवल भवन का मुद्दा नहीं, यह बच्चों के जीवन का सवाल है।

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