ईओ ओबरा द्वारा जनसूचना के तहत दिया गया भ्रामक और अपूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री से जांच व कार्यवाही की मांग- राकेश केशरी
– नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला
सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)–डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE
ओबरा/सोनभद्र।ओबरा नगर पंचायत लगातार सुर्खियों में हैं सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी द्वारा नगर पंचायत ओबरा से जन सूचना अधिकार के तहत 06/09/2024 को सूचना मांगा गया था जिसकी नगर पंचायत द्वारा नही दिया जा रहा था जिसके बाद एक प्रार्थना पत्र सीएम हेल्प लाईन 1076 पर शिकायत स0-40020024014042 दिनांक 09/12/2024 को दर्ज करवाया गया। जिसके बाद भी जन सूचना अधिकार के आवेदन के 04 माह बाद कार्यालय के पत्र स0-562/न0प0ओ0/2024-25 दिनांक 07/01/2025 को सूचना उपलब्ध कराया गया है जिसमें इनके द्वारा टोटल 212 कर्मचारियों की प्रमाणित सूची दिया गया हैं जबकि नगर पंचायत 212 से ज्यादा लोगों का भुगतान किया जाता हैं। निम्न बिंदुओं की जांच के सम्बन्ध में नगर पंचायत ओबरा द्वारा कुल 09 पदों पर कर्मचारियों का आपूर्ति करने वाले फर्म को जनवरी 2024 से लेकर जनवरी 2025 तक हर माह सभी पदों पर प्रति कर्मचारी किस दर से भुगतान किया गया हैं।माह वार विवरण जांच किया जाए।नगर पंचायत ओबरा द्वारा प्रस्तुत 212 कर्मचारियों की सूचना व नगर पंचायत ओबरा द्वारा फर्म को हर माह कुल कितने कर्मचारियों के संख्या के आधार पर किये जा रहे भूगतान का जांच किया जाए,नगर पंचायत ओबरा द्वारा प्राप्त सूचना आधा अधुरा दिया गया हैं।जिसमें कई कर्मचारियों के सेवायोजन पोर्टल पर पंजीकृत नही हैं सभी कर्मचारियों का नियुक्ति के समय क्या उनका सेवायोजन पोर्टल पर पंजीकरण था जिसके आधार पर नियुक्ति किया गया हो।जबकि शासनादेश में स्पष्ट हैं(शासनादेश के प्रस्तर-3 (2) अभ्यार्थियों का चयन अनिवार्य रूप से सेवायोजन पोर्टल सेवायोजन के माध्यम से वरिष्ठता के आधार पर किया जायेगा। शासनादेश के प्रस्तर-3 (3) आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवायोजन होने के उपरान्त किसी कर्मी को सेवा प्रदान स्वमेव बदल नहीं सकता।शासनादेश के प्रस्तर-3(4) के अनुसार जेम के माध्यम से ही आउटसोर्सिंग कर्मी लेने की अनिवार्यता किये जाने से वर्तमान में कार्य कर रहे कर्मियों की निरन्तरता बाधित नहीं की जायेगी। वर्तमान में कार्य कर रहे आउटसोर्सिंग से कर्मियों को ही जेम पोर्टल द्वारा चयनित सेवाप्रदाताओं द्वारा रखा जायेगा। केवल नवीन कर्मियों का चयन सेवायोजन पोर्टल से ही अनिवार्य रूप से किया जायेगा।शासनादेश के प्रस्तर-4 (3) के अनुसार एक कर्मी के लिये पोर्टल से जांच आवेदनकर्ताओं तथा 2 या 2 से अधिक कर्मियों की मांग पर तीन गुना परन्तु न्यूनतम दस आवेदनकर्ताओं में से चयन किया जायेगा ),क्या आपुर्ति शासनादेश का नगर पंचायत ओबरा व आपूर्ति करने वाले फर्म द्वारा सभी बिन्दुओं का पालन किया गया हैं,नगर पंचायत द्वारा उपलब्ध कराए गए सूची में स्वीपर के पदों पर कई नियुक्ति किया गया है,जबकि ज्यादातर लोगों को उनका पद तक नहीं पता है।
जिसमें कई ब्राह्मण व क्षत्रीय व नेतागण उन लोगों को कोई और पद बताकर रखना और कार्य करवाना जन सूचना अधिकार में उनको स्वीपर पद दिखाना इसकी भी जांच किया जाए और नियुक्ति किस पद पर किया गया है सेवायोजन पंजीयन व नियुक्त करते समय आवेदन फॉर्म के आधार पर जांच किया जाए। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी ने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश,नगर विकास मंत्री,निदेशक नगर निकाय विभाग,मंडलायुक्त मिर्जापुर मंडल,श्रम विभाग,सेवायोजन विभाग,जिलाधिकारी सोनभद्र को पत्र भेजा गया है।