पाक्सो एक्ट: दोषी पंचायत सहायक धर्मेंद्र कुमार को 5 वर्ष की कठोर कैद

0

पाक्सो एक्ट: दोषी पंचायत सहायक धर्मेंद्र कुमार है, को 5 वर्ष की कठोर कैद
– 20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
* डेढ़ वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ का मामला
सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE
सोनभद्र। डेढ़ वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पंचायत सहायक धर्मेंद्र कुमार है, को 5 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि 20 हजार रुपये में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के चाचा ने 15 जुलाई 2023 को विंढमगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 15 वर्षीय नाबालिग भतीजी के साथ 11 जुलाई 2023 को सुबह 8 बजे पंचायत सहायक अवधेश कुमार पुत्र लालबिहारी भारती निवासी पकरी, थाना विंढमगंज, जिला सोनभद्र कोचिंग जाते समय पंचायत भवन के पास पहुंची तो उसका हाथ पकड़ कर पंचायत भवन के अंदर ले गया और दरवाजा बंद करके छेड़छाड़ करने लगा। भतीजी के चिल्लाने पर दरवाजा खोल दिया और किसी से बताने पर जान मारने की धमकी दिया। जब भतीजी घर आई तो अपने माता पिता और उससे सारी बात बताई। भतीजी के बताने पर सूचना दे रहा हूं। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 7 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पंचायत सहायक धर्मेंद्र कुमार को 5 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि 20 हजार रुपये में से 15 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here