19 फरवरी को होने वाली अब तक को सबसे ग्राइंड ब्रेकिंग सेरेमनी यूपी में धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से खास होने वाली है. योगी सरकार के सांस्कृतिक एजेंडे में टॉप पर रहने वाले अयोध्या, मथुरा और काशी में निवेश प्रस्तावों को अमली जामा पहनाया जाएगा. इसके लिए रूपरेखा तैयार जो चुकी है, जहां पर्यटन विभाग द्वारा तैयार आधे मूल्य के निवेश प्रस्ताव इन जगहों से सम्बंधित है. वहीं, प्रदेश के अन्य धार्मिक आध्यात्मिक महत्व के स्थलों के विकास का खाका खींचा जाएगा.
यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी
22 जनवरी को राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से जहां देश भर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं तो वहीं विदेशी पर्यटकों का भी बड़ी संख्याए अयोध्या आने का अनुमान है. यूपी सरकार ने अपने एजेंडे शीर्ष पर रहने वाले अयोध्या, मथुरा और काशी में अलग अलग परियोजनाओं के लिए बड़े बजट का प्रावधान किया है. अब चौथे ग्राइंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी इन स्थलों से जुड़े हुए बड़े प्रस्तावों को शामिल किया गया है.
भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मथुरा और महादेव की नगरी काशी पूरी दुनिया में अपने धार्मिक महत्व के कारण सुविख्यात है. साथ ही तीनों स्थलों से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है.
पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ
19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी( Ground Breaking ceremony 4.0) का शुभारम्भ करेंगे तो पर्यटन के लिहाज से इन तीनों स्थलों के लिए क़रीब आधे मूल्य के निवेश प्रस्ताव उसमें शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या-मथुरा और काशी के लिए करीब 40 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ करने की योजना तैयार की गई है. पर्यटन विभाग की करीब 86 हजार करोड़ की निवेश प्रस्तावों का पीएम मोदी शुभारम्भ करने वाले हैं.
अयोध्या, मथुरा, काशी में आकार लेंगे बड़े निवेश प्रस्ताव
श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्याधाम में राम मंदिर के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बहुत ज़्यादा बढ़ी है. आगे बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है. इसमें देशी-विदेशी पर्यटक शामिल हैं. अयोध्या में करीब 10,155.79 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी. अयोध्या में पहले से ही बड़ी संख्या में निवेशकों ने रुख़ किया है. ग्राउंड ब्रेकिंग में भी अयोध्या में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे के अलावा कई अन्य सेक्टर में निवेश के द्वार खुलेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां आने वाली अनुमानित पर्यटकों और भक्तों की संख्या को देखते हुए होटल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का बार बड़ा ब्रांड यहां निवेश करेगा.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में ग्राउंड ब्रेकिंग के निवेश प्रस्तावों के जरिए 13486.63 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे. परियोजनाओं की शुरुआत के साथ ही यहां बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन संभव हो सकेगा, जबकि महादेव की नगरी काशी जो कि पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. काशी कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में बहुत ज़्यादा वृद्धि हुई है. वाराणसी में करीब 15,313.81 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा.
पर्यटन विभाग द्वारा तैयार सूची के अनुसार, कुल 124 निवेशक यहां अपने उद्यम स्थापित करेंगे, जिससे पूर्वांचल में 43 हजार से ज़्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. महानिदेशक पर्यटन मुकेश कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों को एक अच्छा अनुभव हो इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. होटल और अवस्थापना से सम्बंधित सभी बड़े नाम यूपी आना चाहते हैं और यहां निवेश करेंगे. यहां हर स्थल की कनेक्टिवीटी बढ़ने से भी पर्यटन की सम्भावनाओं का विकास हुआ है.
यूपी में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों का होगा कायाकल्प
अयोध्या, मथुरा और काशी के अलावा अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के पर्यटन स्थलों का भी विकास होगा. इसके लिए कई निवेश प्रस्ताव ग्राउंड ब्रेकिंग में शामिल किए गए हैं. सबसे ज़्यादा जोर नैमिष तीर्थ क्षेत्र पर है. नैमीशारण्य के लिए सीतापुर में 21,801.8 करोड़ की निवेश परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की योजना बनायी गयी है. यह क्षेत्र सीएम योगी की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है.
इसके अलावा ऋषिमुनियों की तपस्थली चित्रकूट,भगवान गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर,तीर्थराज प्रयागराज, शक्ति उपासना के केंद्र मीरजापुर को मिलाकर कुल 8 धार्मिक स्थलों में 86 हजार करोड़ की परियोजनाएं आकार लेंगी. कुशीनगर में 1152.38 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा तो वहीं संगमनगरी प्रयागराज में 9619.9 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होगा. अगले वर्ष 2025 महाकुंभ को देखते हुए इन निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ महत्वपूर्ण होगा. चित्रकूट में भी 7047.37 करोड़ रुपए की परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं, जबकि मां विंध्यवासिनी धाम के लिए प्रसिद्ध मीरजापुर में भी 7358 करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतरेगा.