चंडीगढ़ के नए मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने बीजेपी पर धोखाधड़ी से अपना मेयर बनाने का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. पंजाब बीजेपी अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा ने इसकी की पुष्टि है. इस बीच आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावट और गुरचरण काला बीजेपी में शामिल हो गए हैं. चंडीगढ़ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मेयर अरुण सूद ने बीजेपी में तीनों पार्षदों को करवाया शामिल.
पंजाब के मेयर चुनाव में कथित धांधली के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, और चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग के साथ ही नए मेयर के कामकाज पर रोक लगाने और चुनाव के तमाम दस्तावेज सील करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहली सुनवाई में मेयर के कामकाज पर रोक लगाने के साथ ही, तमाम चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर को सील करने का आदेश दिया था.
चीफ जस्टिस ने मेयर चुनाव में जुटे रिटर्निंग ऑफिस अनिल मसीह को भी बड़ी फटकार लगाई थी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यहां तक कहा था कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने ‘लोकतंत्र की हत्या’ जैसी सख्त टिप्पणियां की थी.
अनिल मसीह बीजेपी माइनॉरिटी सेल के सदस्य थे और उनकी निगरानी में ही चंडीगढ़ में मेयर चुनाव हुए, जिसमें वह प्रिजाइडिंग ऑफिस थे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से हटा दिया था.
अनिल मसीह बीजेपी माइनॉरिटी सेल के सदस्य थे और उनकी निगरानी में ही चंडीगढ़ में मेयर चुनाव हुए, जिसमें वह प्रिजाइडिंग ऑफिस थे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से हटा दिया था. मेयर चुनाव की सीसीटीवी से निगरानी की गई थी, जिसमें देखा गया कि अनिल मसीह बैलट पेपर पर कलम चला रहे थे, जिसे देख सीजेआई चंद्रचूड़ नाराज हो गए थे और कहा था, “इसे कोई बताओ कि सुप्रीम कोर्ट उसे देख रहा है.”