मिर्जापुर जिले के पत्रकारों का आक्रोश,डीआईजी को दिया ज्ञापन,टीम गठित
– पत्रकारों ने प्रभारी निरीक्षक को निलंबित करने की मांग उठाई
सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)–डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE
मिर्जापुर।उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद अंतर्गत गरीबों को महंगा खून देने के मामले में कथित रूप से चिकित्सक के तहरीर पर निर्दोष पत्रकारों को गलत तरीके से कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज किय गया है।खून के नाम पर गरीबों से अवैध वसूली की शिकायत करने पर दो पत्रकारों पर न सिर्फ कार्यवाही की गई बल्कि सूरज दुबे और चंदन दुबे नमक दोनों पत्रकारों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।पत्रकारों की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही जनपद के अन्य पत्रकारों में आक्रोश फैल गया।जिसके विरोध में सोमवार को पहुंचे दर्जनों की संख्या में पत्रकारों ने पुलिस उपमहानिरीक्षक आरपी सिंह से मिलकर ज्ञापन दिया और दोषी डॉक्टरों समेत शहर कोतवाली प्रभारी के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग की गई।
विंध्याचल परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक आरपी सिंह को दिए गए ज्ञापन में पत्रकारों द्वारा बताया गया कि गरीबों को महंगा खून बेचा जा रहा था जिसका विरोध किए जाने पर फर्जी मनगढ़ंत मुकदमे में पत्रकारों को फंसाया गया है।
जिसका निष्पक्ष जांच कर कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाए। ज्ञापन में बताया गया है कि शहर कोतवाली के कोतवाल द्वारा एक तरफा कार्यवाही करते हुए पत्रकारों पर जुल्म किया गया है और फर्जी मुकदमा लाद कर जेल भेज भेज दिया है। जबकि ब्लड वाले मामले को लेकर दूसरे पक्ष के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। ब्लड की कालाबाजारी की शिकायत के बावजूद भी पुलिस द्वारा गरीबों के साथ अन्याय करने वालो कथित चिकित्सक का बचाव किया गया और पत्रकारों के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई कर दी गई है। जिससे पत्रकारों में काफी आक्रोश व्याप्त है। ज्ञापन के माध्यम से विंध्याचल परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक आरपी सिंह का ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि पत्रकार गरीबों के सहयोग के लिए आगे रहते हैं अगर इसमें दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई और निर्दोष पत्रकारों को दोष मुक्त नहीं किया गया तो आने वाले समय में पत्रकार गरीबों का सहयोग नहीं करेंगे। जिससे निष्पक्ष पत्रकारिता प्रभावित होगी और पत्रकारों में एक प्रकार का भय बना रहेगा।