दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ सर्जरी में बड़ी सफलता हासिल की है। इस 90 सेकंड के सफल ऑपरेशन की पीएम मोदी (PM Modi) ने भी तारीफ की है। दरअसल 28 साल की एक महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के अंगूर साइज के हार्ट का सफल बैलून डाइलेशन प्रोसीजर करने में एम्स के डॉक्टरों को सफलता मिली है। इसके बाद महिला और भ्रूण दोनों में सुधार है।
डॉक्टरों (AIIMS Doctors) को पूरी उम्मीद है कि डिलीवरी के बाद बच्चा पूरी तरह से हार्ट की बीमारी से मुक्त होगा और अपनी पूरी जिंदगी जी सकेगा। यह प्रोसीजर करने वाली डॉक्टरों की टीम का दावा है कि यह एक प्रकार का रेयर मामला था, जिसे 90 सेकंड में पूरा किया गया है।
इस महिला की दो बार अबॉर्शन हो चुका था। पहले भी दोनों भ्रूण में हार्ट की समस्या थी। इस बार महिला अपने बच्चे को रखना चाहती थी। इसलिए एम्स (AIIMS Doctors) के गायनी विभाग, फिटल मेडिसिन, कार्डियोलॉजी और एनेस्थीसिया की टीम ने एक साथ मिलकर इस प्रोसीजर को सफल बनाने का प्लान बनाया।
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भ्रूण लगभग 28 हफ्ते का था और उसके हार्ट के वाल्व में रुकावट थी। इसे बैलून डाइलेशन प्रोसीजर कहा जाता है। प्रक्रिया के तहत अल्ट्रासाउंड की मदद से महिला के पेट के जरिए बच्चे के हार्ट में सूई डाली गई और फिर एक गुब्बारा कैथेटर का प्रयोग कर ब्लड फ्लो को खोल दिया गया।
पीएम मोदी ने की डॉक्टरों की तारीफ
बुधवार को पीएम मोदी ने भी इस सफल सर्जरी पर खुशी जताते हुए एम्स के डॉक्टरों की सरहाना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश को अपने डॉक्टरों की निपुणता और नवाचार पर गर्व है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही।
डॉक्टरों के सामने थी ये चुनौती
प्रोसीजर करने वाली डॉक्टरों की टीम ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया से भ्रूण को खतरा हो सकता है। इसे बहुत सावधानी से करने की जरूरत होती है और इसके लिए अनुभव जरूरी होता है। क्योंकि भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है। यह सब कुछ अल्ट्रासाउंड गाइडेंस में किया जाता है। इस प्रोसीजर को बहुत जल्द करना होता है।