Bank Interest Income: भारतीय बैंकों की शुद्ध ब्याज आय (NII) दिसंबर 2022 को समाप्त तिमाही में रिकॉर्ड 25.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई. यह ऋण के बेहतर उठाव और कर्ज पर ऊंची प्राप्तियों की स्थिति को दर्शाता है. एक विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है.
बैंकों को कर्ज पर हुई ऊंची कमाई
तिमाही के दौरान बैंकों को कर्ज पर ऊंची कमाई हुई है. तिमाही के दौरान बैंकों का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) 0.17 फीसदी बढ़कर 3.28 फीसदी हो गया. वेब वार्ता-वेब वार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, केयर रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा कि इसकी वजह यह है कि बैंकों ने मौजूदा ऋण का ऊंची दर पर पुनर्मूल्यांकन किया और नए कर्ज पर ब्याज दर बढ़ाई. वहीं दूसरी ओर उन्होंने जमा दरों में बदलाव नहीं किया. हालांकि, शुद्ध ब्याज मार्जिन में वृद्धि की अगुवाई निजी क्षेत्र के बैंकों ने की. उनका एनआईएम सालाना आधार पर 0.15 फीसदी बढ़कर 4.03 फीसदी पर पहुंच गया. वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनआईएम 0.17 फीसदी बढ़कर 2.85 फीसदी रहा.
प्रमुख बैंकों ने जर्माकर्ताओं को दिया अधिक रिटर्न
शुद्ध ब्याज आय या एनआईआई बैंकों के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत है. यह बैंकों की ब्याज आय और जमा पर किए गए ब्याज भुगतान का अंतर होता है. अग्रवाल का मानना है कि देनदारियों के नए सिरे से मूल्य निर्धारण से आगे चलकर शुद्ध ब्याज मार्जिन स्थिर होगा. उन्होंने कहा कि ऋण की मांग ऊंचे दो अंक में बनी हुई है, ऐसे में अब कुछ प्रमुख बैंकों ने जर्माकर्ताओं को अधिक रिटर्न देना शुरू कर दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पिछले साल मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो (Repo Rate) में 2.50 फीसदी की वृद्धि कर चुका है. मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के 4 फीसदी (2% ऊपर या नीचे) के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. (इनपुट:वेब वार्ता)