Essar group-Telecom sector | टेलीकॉम क्षेत्र में फिर नहीं आएगा एस्सार समूह

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Essar group-Telecom sector | टेलीकॉम क्षेत्र में फिर नहीं आएगा एस्सार समूह

नवभारत ब्यूरो @ दिल्ली

देश में सबसे पहले मोबाइल क्षेत्र में आने वाले एस्सार समूह ने इस अनुमान से इनकार किया है कि वह फिर से इस क्षेत्र में आएगा। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम क्षेत्र ग्राहकों की सेवा के लिए पूरी तरह से सक्षम है। उनके इस क्षेत्र में फिर से आने की इच्छा नहीं है। एस्सार समूह के इस क्षेत्र में आने की चर्चा उस समय से फिर हो रही है। जब से यह सामने आया है कि दस्तावेज लेट—सेवर भारत में इस क्षेत्र से बाहर हो सकते हैं। एस्सार ग्रुप ने ही अपना टेलीकॉम कारोबार किया।

एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुईया ने कहा कि टेलीकॉम क्षेत्र इस समय ग्राहक की सेवा देने में पूरी तरह से सक्षम है। हमारा इस क्षेत्र में फिर से आना एक चिंता का विषय है। हम ऐसा कुछ नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने एस्सार 2.0 को लेकर उठे सवाल पर कहा कि हमने अपने कर्ज को स्वीकार करने के बाद अपने समूह को बेहतर दिशा में ले जाने के लिए कदम उठाने के लिए कहा। हमारा मुख्य ध्यान स्वच्छ ऊर्जा, धातु व खनन, इंफ्रास्ट्रक्चर या आधारभूत संरचना और इसका समाधान क्षेत्र है।

इसके अलावा लॉजिस्टिक्स और रहस्यों में भी हम काम को लेकर कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में हम उस तकनीक में अपना कदम बढ़ा रहे हैं। जो अगले दशक तक अपना प्रभाव महसूस करता है। पैसिफिक रूईया ने कहा कि इंग्लैंड में प्रति वर्ष 10 मिलियन टन या एमटीपीए रिफाइनरी, भारत व वियतनाम में गैर-प्रचलित हाईड्रोकार्बन क्षेत्र के अलावा भारत में एक 1200 मेगावॉट बिजली संयंत्र उर्जा क्षेत्र के प्रमुख एकैयन हैं।

अमेरिका में आइरन ओर माइन व पीलेट परियोजना के साथ ही दुनिया के तीस देशों में इसकी एक संबंधित कंपनी प्रमुख योजनाओं में शामिल है। इसके अलावा आर्सेलर मित्तल के साथ 50:50 प्रतिशत की भागीदारी वाला स्टील कारोबार भी कंपनी की योजना में शामिल है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी भारत में एलएनजी फ्यूलिंग स्टेशन की राह भी चल रही है। एस्सार एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन के सीईओ पंकज कालरा ने रानीगंज स्थित कंपनी के कोल बेड मिथेन योजना को लेकर कहा कि क्वीनगंज में हमने करीब 350 कुंओं की खुदाई की है। यहां पर करीब 200 अन्य कुंओं की खुदाई को लेकर हम सरकार के साथ कार्य कर रहे हैं। यहां पर करीब 30 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस की संभावना है।

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