केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अधिकारियों, चावल मिल मालिकों तथा अनाज कारोबारियों के भ्रष्ट ‘सिंडिकेट’ के खिलाफ जारी अभियान के तहत 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया तथा 23 लाख रुपये बरामद किए. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने 99 स्थानों पर छापे मारे हैं जिनमें 90 स्थान पंजाब और चंडीगढ़ में हैं और नौ स्थान देश के बाकी हिस्सों में हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में चेन्नई शामिल हैं.
सीबीआई ने बताया कि छापेमारी के दौरान अतिरिक्त 23 लाख रुपये जब्त किए गए और अब कुल जब्त राशि बढ़कर 1.03 करोड़ हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक पटियाला में एफसीआई के एक अन्य प्रबंधक सतीश वर्मा को गिरफ्तार किया गया है और वह अभी पुलिस हिरासत में हैं. गौरतलब है कि सीबीआई ने एफसीआई में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार को ‘ऑपरेशन कनक’ शुरू किया और पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में 50 जगहों पर छापेमारी की.
अधिकारियों ने कहा कि एफसीआई में अधिकारियों, चावल मिल मालिकों और बिचौलियों समेत अन्य के कथित गठजोड़ का पता लगाने के लिये छह महीने तक गोपनीय अभियान चलाने के बाद प्राथमिकी में एफसीआई के कार्यकारी निदेशक सुदीप सिंह समेत 74 लोगों को आरोपी बनाया गया है. ये लोग कथित तौर पर भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे.
अधिकारियों ने बताया कि 74 आरोपियों में से 34 सेवारत और तीन सेवानिवृत्त अधिकारी व 20 संस्थाएं शामिल हैं. एजेंसी ने पहले 80 लाख रुपये नकद बरामद किए थे, जिसमें एक महिला अधिकारी के यहां से मिले 10 लाख रुपये भी शामिल हैं, जिसे वाशिंग मशीन में छिपा कर रखा गया था. सीबीआई प्रवक्ता ने बुधवार को एक बयान में कहा था, “यह आरोप भी है कि निजी चावल मिल मालिक और अनाज व्यापारी कम गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की खरीद को समायोजित करने… विभिन्न कदाचारों के खिलाफ पूछताछ पर पर्दा डालने आदि के लिए एफसीआई अधिकारियों को रिश्वत दे रहे थे.
मिल मालिकों ने कथित तौर पर भंडार में कमी को पूरा करते हुए कम गुणवत्ता वाले खाद्यान्न को स्वीकार किया जिसे देश के अन्य हिस्सों में ले जाया गया. उन्होंने कहा था कि चावल मिल मालिकों ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार के तहत तकनीकी सहायकों सहित एफसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों को भारी मात्रा में रिश्वत दी.