खदान क्षेत्र में हुई दुर्घटना से मजदूरों की मृत्यु की सीबीआई द्वारा हो जांच : हरदेवनारायण तिवारी (जिला अध्यक्ष इंटक
सोनभद्र)
– घटना में मौत से मजदूरों को एक करोड़ रूपया की सहायता प्रदान करने की मांग
– 40 घंटे से चलाया जा रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी है जारी
सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)–डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE
सोनभद्र/ओबरा।27 फरवरी 2012 को बिल्ली खदान में हुई ब्लास्टिंग के दौरान दौरान पहाड़ी दरकरने से हाइट टेंशन लाइन का खंभा सहित पहाड़ी गिर गई जिसमें 12 मजदूर मारे गए,15 अक्टूबर 2015 को रास पहाड़ी बिल्ली में बने स्टोर में रखा विस्फोट सामग्री से जबरदस्त धमाका जो लगभग 5 किलोमीटर की धरती दहल उठी थी इस घटना में 8 मजदूर जिसमें एक महिला और एक बच्चा भी शामिल रहा मौत ,दिनांक 15 नवंबर 2025 को रास पहाड़ी बिल्ली में कृष्णा माइनिंग वर्क्स के मालिक मधुसूदन सिंह और उनके पार्टनर दिलीप केसरी जिन्हें 30 फीट खनन करने की अनुमति थी 200 फीट पर हो रही खुदाई के लिए सात कंप्रेसर मशीन द्वारा ब्लास्टिंग के लिए होल किया जा रहा था होल के दौरान मशीनों पर कार्यरत 18 मजदूर लगभग 100 फीट ऊंचाई से पहाड़ गिर गया जिसमें 18 मजदूर दब गए, जिला प्रशासन द्वारा घटना के पश्चात दबे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी कर दिया जिसमें अभी तक 5 मजदूरों को निकाला जा चुका है। बाकी को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है।






राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक सोनभद्र के जिला अध्यक्ष एवं आदिवासी विकास मंच के जिला संयोजक हरदेवनारायण तिवारी ने कहा कि विगत 20 वर्ष से के अंदर का लेखा-जोखा जिला चिकित्सालय एवं आसपास के थानों से लेखा जो खा लिया जाए तो अब तक सैकड़ो मजदूर खदानों में मारे जा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी को एक दिन की सजा नहीं मिली। भले ही आक्रोश शांति करने के लिए कुछ समय के लिए जेल में कुछ खदान मालिक भेज दिए गए हो इसके बाद स्वतंत्र रूप से पुनः कार्य करना शुरू कर देते हैं। इन सभी घटनाओं के लिए खान विभाग सुरक्षा निदेशालय पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।यह विभाग क्या कर रहा है कैसे अवैध एवं मानक विपरीत कार्य किया जा रहे हैं। ऐसी एक भी खदान नहीं मिलेगी जिसका मानक के अनुसार खनन किया गया हो। सुरक्षा निदेशालय,खनन विभाग के ऊपर इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार मानते हुए उनके ऊपर थाने में प्राथमिक रिपोर्ट करने की मांग संगठन किया है। सरकार से एवं जिला प्रशासन से मांग करते हुए तिवारी ने कहा कि खदान मालिक अरबों रुपए पत्थर से कमाने वाले व्यवसायियों से सरकार एवं जिला प्रशासन एक करोड रुपए की क्षतिपूर्ति मृतक आश्रितों को दिलाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा सुरक्षा निदेशालय, खान अधिकारी के ऊपर एफआईआर दर्ज करते हुए जेल में डाला जाए। विगत 20 वर्ष के अंदर इस खनन क्षेत्रों से सैकड़ो मजदूर मारे जा चुके हैं,जो विभिन्न स्थान एवं चिकित्सालय में इसके रिपोर्ट मिलेंगे तथा 15 नवंबर 2025 को जो यह घटना हुई है। इसकी जांच सीबीआई से कराते हुए मजदूरों को न्याय दिलाया जाए तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाए। जब तक सीबीआई जांच नहीं हो जाती है तब तक किसी भी खदान से कोई खनन कार्य न कराया जाए। अत्यंत खेद का विषय है कि संगठन द्वारा 28-10-2015 को माननीय राष्ट्रपति महोदय माननीय प्रधानमंत्री महोदय माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय माननीय मुख्यमंत्री महोदय माननीय राज्यपाल महोदय को पत्र देकर यह अनुरोध किया था की इन घटनाओं का सीबीआई जांच कर इस आदिवासी क्षेत्र के पहाड़ियों में काम करने वाले मजदूरों को मौत से रोका जाए।खदानों में मारे गए मजदूरों को जायज मुआवजा दिया जाए लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पुनः माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि इस घटना सहित पूर्व की घटनाओं का भी सीबीआई जांच कर मजदूरों को न्याय दिलाया जाए। बहुत आश्चर्यजनक बात है कि मजदूरों का कोई पंजीयन नहीं कोई बीमा नहीं कोई पी एफ नहीं कोई परिचय पत्र नहीं मजदूरों को बिना ट्रेनिंग दिए सेफ्टी के ऊपर कोई ध्यान ना दिया जाना खदानों का संचालन खदानों का संचालन किया जा रहा है। गरीब मजदूरों के मौत पर राजस्व का लाभ वह कुछ चंद्र लोगों को धनवान बना देने से प्रदेश व देश समृद्ध नहीं हो सकता। इस संबंध में अति शीघ्र इंटक एवं आदिवासी विकास मंच की संयुक्त बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।


