*श्री श्री ठाकुर के स्थाई सत्संग केंद्र का छतरपुर में हुआ उद्घाटन, भक्ति व आध्यात्मिकता से सराबोर रहा वातावरण*

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संवाददाता- उमेश कुमार भारती -(छत्तरपुर/पलामू/झारखण्ड)–डिजिटल भारत न्यूज 24×7 LIVE

छतरपुर (पलामू)

छतरपुर नगर के सोनार मोहल्ला स्थित नागेंद्र प्रसाद सिन्हा के आवासीय परिसर में शुक्रवार को श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के स्थाई सत्संग केंद्र के उद्घाटन अवसर पर विशेष सत्संग सह भंडारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अपराह्न 2:00 बजे ‘बंदे पुरुषोत्तमम’ की गुंज के साथ हुआ, जिसके उपरांत श्री श्री ठाकुर जी के चित्र का अनावरण कर पूजा-अर्चना की गई।

इसके बाद विभिन्न धर्मग्रंथों का पाठ किया गया और भक्ति भाव से ओत-प्रोत भजन मंडली ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भजन प्रस्तुत करने वालों में विद्याशंकर, निरंजन सिन्हा, महेश व्यास, जय गुप्ता और सोमेंद्र सिन्हा शामिल रहे, जिनके ठाकुरमय गीतों ने उपस्थित गुरुभाइयों और बहनों को भावविभोर कर दिया।

इस दौरान गढ़वा से आए गुरुभाई रघुवीर दा और पटना से आए गुरुभाई मुरली प्रसाद सिन्हा ने ठाकुर जी के चमत्कारों, उनके जीवन दर्शन और मानवता के कल्याण हेतु दिखाए गए रास्तों पर प्रकाश डाला।

सत्संग केंद्र के उद्घाटन के पूर्व चार दिनों तक नगर में प्रभात फेरी एवं कीर्तन-भजन का आयोजन किया गया था, जिसमें भक्तों ने नगर भ्रमण करते हुए आध्यात्मिक वातावरण निर्मित किया।

सह प्रति ऋत्विक नागेंद्र प्रसाद सिन्हा ने ठाकुर जी की जीवनलीला पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि

“श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का जन्म 14 सितंबर 1888 को तत्कालीन बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) के हिमायतपुर गाँव में हुआ था। वे बचपन से ही दया, करुणा और सेवा भावना से ओत-प्रोत थे। आगे चलकर उन्होंने ‘सत्संग’ की स्थापना कर समाज में मानवता, प्रेम, सेवा और नैतिकता का संदेश फैलाया।”

        उन्होंने बताया कि छतरपुर में सत्संग की शुरुआत लगभग पच्चीस वर्ष पूर्व हुई थी, और आज सैकड़ों गुरुभाई-बहनों के सहयोग से यह स्थायी सत्संग केंद्र अस्तित्व में आया है।

इस अवसर पर मोहन जायसवाल, निरंजन जायसवाल, सुनील गुप्ता, दिलीप जायसवाल, रंजित जायसवाल, विजय पासवान, मुनिलाल विश्वकर्मा, ज्योति प्रकाश, उमाशंकर सिंह, प्रियंका सिन्हा, पूनम सिन्हा, गुरु प्रसाद, रामबृक्ष प्रसाद सहित गढ़वा , डाल्टनगंज , जपला ,पटना से आए दर्जनों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में भंडारा एवं प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के जयकारों के साथ भाग लिया और सत्संग केंद्र के उद्घाटन को ऐतिहासिक क्षण बताया।

 

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