विंढमगंज, सोनभद्र
स्थानीय राम जानकी मंदिर में 22 सितम्बर 2025 को संध्या आरती व हरि कीर्तन का आयोजन बड़े ही भव्य और श्रद्धामय वातावरण में संपन्न हुआ। आरती के समय पूरा मंदिर परिसर घंटा-घड़ियाल, शंखनाद और भक्ति गीतों से गूंज उठा। ग्रामवासी भारी संख्या में उपस्थित रहे और माता रानी की आराधना में अपनी आस्था और समर्पण प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें महिलाओं ने समूह बनाकर हरि कीर्तन प्रस्तुत किया। ध्वनि यंत्रों और भक्ति गीतों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो उठा। महिलाएं माता रानी की स्तुति करते हुए गीत गाती रहीं और समाज तथा परिवार की सुख-समृद्धि की मंगलकामना करती रहीं। श्रद्धालु स्वयं को इस आयोजन का हिस्सा बनकर धन्य महसूस कर रहे थे।
नवरात्रि के प्रथम दिन से ही आरंभ हुई पूजा-अर्चना का यह क्रम नौ दिनों तक चलता है। धार्मिक मान्यता है कि आरती और कीर्तन के बिना नवरात्र का अनुष्ठान अधूरा माना जाता है। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए विंढमगंज के श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से इस आयोजन को सफल बनाया।
इस अवसर पर बाबा वेद मोहन दास ब्रह्मचारी ने मंदिर परिसर में उपस्थित भक्तों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा से सभी ग्रामवासियों और देशवासियों की सुख-शांति व समृद्धि की प्रार्थना की गई है। बाबा ने आश्वासन देते हुए कहा कि माता रानी सबके कष्ट हरेंगी और समाज को सुखी व संपन्न बनाएंगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इसी प्रकार श्रद्धा और एकता के साथ नवरात्र के प्रत्येक दिवस पर आरती और पूजा में भाग लेते रहें।
ग्राम के युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। मंदिर परिसर को सजाया गया और श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद एवं सुविधाओं की व्यवस्था की गई। संध्या की आरती के पश्चात सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और एक-दूसरे को नवरात्र की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम की सराहना उपस्थित लोगों ने की और कहा कि ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को बल प्रदान करते हैं, बल्कि आपसी भाईचारे और सामाजिक एकजुटता को भी मजबूत करते हैं।
इस प्रकार नवरात्रि के पावन अवसर पर विंढमगंज का राम जानकी मंदिर भक्ति, श्रद्धा और उत्साह का केंद्र बना रहा। ग्रामवासियों ने इसे जीवन का एक अविस्मरणीय क्षण बताया और उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में भी यह परंपरा और अधिक भव्यता के साथ निभाई जाएगी।

