करमा महोत्सव में बजी ढोल की थाप, गूंजा आदिवासी गौरव का संदेश
संवाददाता – धीरेंद्र प्रताप
बागेसोती/कोन (सोनभद्र) : सेवा समर्पण संस्थान के तत्वावधान में बागेसौती स्थित कंपोजिट विद्यालय में भव्यता के साथ करमा महोत्सव का आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर आदिवासी समाज के लोकगीतों और पारंपरिक नृत्यों ने पूरे वातावरण को जीवंत बना दिया। युवा और महिलाएं पारंपरिक पोशाक में सजी-धजी दिखीं और रंग-बिरंगे नृत्य प्रस्तुत कर सामाजिक सौहार्द और संस्कृति का सुंदर संदेश दिया।





मुख्य अतिथि शशांक शेखर मिश्र ने कहा कि करमा पर्व आदिवासी समाज की एकता, भाईचारा और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें, जिससे वे शिक्षा के माध्यम से जीवन संवार सकें। कार्यक्रम में सेवा समर्पण संस्थान के रामविचार नेताम और रामलखन ने आदिवासी पहचान व परंपरा के संरक्षण की अपार आवश्यकता पर बल दिया।
संस्थान के अध्यक्ष श्री नन्दलाल उरांव, मंगरू उरांव, कार्यक्रम के संयोजक श्री हरिनाथ उरांव (गुरु जी) और श्री धीरेंद्र प्रताप जायसवाल, ग्राम प्रधान रामअवध भारती, राज कुमार, मनीष त्रिपाठी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। ढोल-नगाड़ों की जोरदार थाप पर सभी ने मिलकर झूम-झूम कर करमा पर्व का उल्लासपूर्ण जश्न मनाया और आदिवासी संस्कृति की समृद्धि का संदेश व्यापक स्तर पर साझा किया।


