रेशम विभाग की भूमि पर यात्री सेड निर्माण बना विवाद का विषय, मानकों की उड़ाई जा रही धज्जियाँ
दुद्धी, सोनभद्र।
हीराचक गाँव के कनहर नदी किनारे स्थित टसर रेशम फॉर्म की भूमि पर जिला पंचायत कोटे से बनाए जा रहे यात्री सेड का निर्माण इन दिनों विवादों में घिर गया है। जहां एक ओर ग्रामीणों की राय बंटी हुई है, वहीं निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी और सरकारी भूमि के इस्तेमाल पर कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार, जिस भूमि पर निर्माण हो रहा है, वह मूल रूप से वन विभाग की थी जिसे लीज़ पर रेशम विभाग को दी गई थी। अब वहां यात्री सेड का निर्माण जिला पंचायत सदस्य और ठेकेदार द्वारा कराए जाने की बात सामने आ रही है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि यह निर्माण कार्य बस्ती और मुख्य सड़क से काफी दूर स्थित श्मशान घाट पर कराया जा रहा है, जहाँ आम जन के उपयोग की संभावना बेहद कम है। इससे लोगों में आशंका है कि यह कार्य केवल सरकारी धन के दुरुपयोग और कमीशनखोरी के उद्देश्य से कराया जा रहा है।
निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि निर्माण में कनहर नदी से अवैध रूप से बालू लाकर 10 एमएम की सरिया से बीम डाली जा रही है। इतना ही नहीं, निर्माण कार्य में नाबालिग बच्चों से मजदूरी कराए जाने की भी जानकारी सामने आई है, जो कि बाल श्रम कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है।
रेशम विभाग ने किया आपत्ति दर्ज
रेशम विभाग के सहायक विकास अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने निर्माण कार्य को लेकर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी है। उनके अनुसार, जब यात्री सेड के लिए जमीन की नाप-जोख हो रही थी, तभी विभाग ने आपत्ति जताई थी, लेकिन कुछ लोग जबरन निर्माण कराने पर आमादा हैं और विरोध करने वालों के साथ मारपीट पर उतारू हो जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की राय में विरोधाभास
कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उक्त स्थल पर कई गाँवों के लोग अंतिम संस्कार करते हैं, और वहां कोई छाया या बैठने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए यात्री सेड से उन्हें सहूलियत मिलेगी। वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि श्मशान घाट पर श्मशान घाट की मूलभूत सुविधाएँ जैसे शेड, चबूतरा या पानी की व्यवस्था होनी चाहिए, न कि यात्री सेड।
प्रस्तावित स्थल पर नहीं हो रहा निर्माण?
ग्रामीणों के अनुसार, यात्री सेड के लिए जो जगह प्रस्तावित थी, निर्माण कार्य उससे अलग स्थान पर कराया जा रहा है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं यह योजनाबद्ध तरीके से धन का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा।
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जनहित में निवेदन:
स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों से अपील है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यदि निर्माण कार्य में कोई अनियमितता या नियमों की अवहेलना पाई जाए तो दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक धन का उपयोग जनहित में ही हो, न कि निजी स्वार्थ के लिए।


