मकान का बैनामा कर कब्जा नही छोड़ रहे भाई बहन अब मकान को हथियाने को रच रहे षणयंत्र |

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मकान का बैनामा कर कब्जा नही छोड़ रहे भाई बहन अब मकान को हथियाने को रच रहे षणयंत्र |

लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व मकान का किया था बैनामा

कोतवाली क्षेत्र के धनौरा स्थित गाटा 86 में 24×70 वर्ग फिट का मकान दुद्धी म्योरपुर मार्ग पर है स्थित |

दुद्धी| स्थानीय क़स्बे में एक जालसाजी का मामला सामने आया है ,कुछ लोंगो ने षणयंत्र के तहत सीधे साधे दो भाइयों को अपने जाल में फंसाकर 24 लाख 70 हजार में एक मकान को बेचकर मकान को क्रेता को स्वामित्व ना सौप कर कब्जा जमाए हुए है विक्रेता सहित उसका भाई कुछ गुंडों के साथ मिलकर अब क्रेता पीड़ित भाइयों को आये दिन जान से मारने को धमकी दे रहे है ,पीड़ित अजित कुमार पुत्र सतीश जायसवाल निवासी क़स्बा दुद्धी तहसील समाधान दिवस में पहुँचकर न्याय की गुहार लगाई|

दिए शिकायती पत्र ने अवगत कराया कि अजित व उसके बड़े भाई अमित को कस्बा दुद्धी को एक ठग व जालसाज व्यक्ति व उसकी धनौरा निवासिनी सगी बहन ने दोनों भाईयों के साथ ठगी करने के कुत्सित मंशा से धनौरा स्थित ग निर्विवादित मकान होना बताकर दिनाँक 09.06.23 को दोनों भईयों के पक्ष में पंजीकृत बैनामा किया और इसके एवज में 2470000/- (चौबीस लाख सत्तर हजार) रु० प्राप्त कर लिया| इसके कुछ दिन बाद ही उसके जालसाज भाई द्वारा जब यह कहकर विवाद किया जाने लगा कि आपने मेरे नाम व हिस्सा का मकान मेरी बहन से खरीद लिया है इसलिए मैं आपको चैन से उस घर में रहने नहीं दूँगा, इसके बाद विक्रेता बहन का बडा भाई द्वारा अपने पुत्र एवं बहन के पुत्र के साथ-साथ एक दबंग महिला एवं उसके कुछ अज्ञात गुंडों की सह व साजिश से उपरोक्त लोगों ने दबंगई से हम भाइयों के कयशुदा उपरोक्त भुमि / मकान में दिनाँक 25.07.23 को जबरन घुस आये। जिसकी सूचना हमने जब तत्काल 112 नं0 की पुलिस व शासन प्रशासन से की, तो स्थानीय शासन प्रशासन ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए कथित भाई बहन व उसके पुत्र को 151 सी०आर०पी०सी० में गिरफ्तार करके चालान कर दिया था और जायदाद को लेकर शान्ति भंग होने की सम्भांवना के आधार पर उक्त मकान को कुर्क / जब्त करने की कार्यवाही उपजिलामजिस्ट्रेट दुद्धी के समक्ष प्रस्तुत कर दी गयी थी ।तब विकेता बहन व उसके भाई ने मेरे कयशुदा प्रश्नगत भूमि/भवन को कुर्क हो जाने की सम्भावना को देखते हुए उपरोक्त लोंगो ने हम प्रार्थी दोनों भाईयों से लिये गये मु० कुल 2470000/- (चौबीस लाख सत्तर हजार) रु० प्राप्त तथा रजिस्ट्री में आये खर्च मु० 150000/- (एक लाख पचास हजार) रु० सहित वापस करने एवं इसके एवज में भूमि उसके भाई के नाम बैनामा कर देने का प्रस्ताव करने लगे। तब हम दोनों भाईयों ने उपरोक्त बवाली जालसाज लोगों से छुटकारा पाने के लिए उक्त लोगों के प्रस्ताव के मुताबिक मु० 2374000/- (तेइस लाख चौहत्तर चार) रु० प्राप्त करके प्रश्नगत भूमि / मकान की रजिस्ट्री करने पर सहमत हुए।परिणामस्वरुप उपरोक्त ठगों ने मुझे विश्वास में लेने के लिए मेरे बैंक खाते में मु० 900000/- (नौ लाख) रु० आर०टी०जी०एस० के जरिए ट्रांसफर कर दिया और दिनाँक 23.01.25 को बैनामा करने के लिए एक अधिवक्ता के चेम्बर में बुलवाया, और तैयार बैनामा दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कहा, तब हम दोनो भाई यहीं पर पैसा अदा करने का निवेदन किये, तो उक्त ठग भाई-बहन व उपस्थित उनके लोगों द्वारा बैनामा दस्तावेज के साथ-साथ एक लिखित सुलहनामा भी तैयार कर सम्पूर्ण पैसा अदा कर देने और मुकदमें में सुलह कर लेने को वचनबद्ध हुए। उस पर हम दोनों भाईयों का हस्ताक्षर बनवाया। और रजिस्ट्री कार्यालय में उपनिबन्धक महोदय के समक्ष सम्पूर्ण धनराशि अदा करने का विश्वास दिलाने लगे। लेकिन उपरोक्त ठगों की नियत पर जब हम दोनों भाईयों को शक सन्देह हुआ, तब यशोदा देवी उपरोक्त ने पुनः मेरे वाट्शाप पर बिना हस्ताक्षर किया हुआ 574000/- (पाँच लाख चौहत्तर हजार) रु० का एक चेक 491776 दिनोंकित 28.05.25 भेजकर विश्वास दिलाने का कुत्सित प्रयास किया। चेक पर बिना हस्ताक्षर व अग्रिम तिथि अंकित देखकर मुझे पूरा यकीन हो गया कि ये लोग मेरे साथ छल करके हम लोगों से रजिस्ट्री करवा लेगें, और कत्तई वादे के मुताबिक पैसा नहीं देंगे। तब बिना पैसा लिए हमलोग रजिस्ट्री कार्यालय जाने से इनकार कर दिए तब से विपक्षीगण दोनों भाईयों को धमका रहे है|जिससे पीड़ित परिवार सहमा हुआ है|

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