GST रजिस्ट्रेशन के आधार पर युवाओं को मिले 20 लाख तक के कार्य-विजय शंकर यादव जनसेवक

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GST रजिस्ट्रेशन के आधार पर युवाओं को मिले 20 लाख तक के कार्य-विजय शंकर यादव जनसेवक

सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE

ओबरा/सोनभद्र।अहिंसा सेवा पार्टी GST रजिस्ट्रेशन से अतिरिक्त अन्य प्रमाण पत्र की जगह युवाओं की शैक्षिक प्रमाण पत्र को आधार माना जाए क्योंकि उसे प्राप्त करने में युवाओं का समय पैसा दोनों लगा है और रोजगार भी नही मिल रहा है।अहिंसा सेवा पार्टी के अध्यक्ष जनसेवक विजय शंकर यादव ने रोजगार की मजबूती के लिए सरकार को नेट पत्र के माध्यम से सुझाव प्रेषित करते हुए कहा कि जनता से किस तरह से टैक्स वसूली किया जाए। सरकार की सरकारी एजेंसियां तरह तरह के नियम बना लेती है।जनता किस तरह से रोजगार परक हो मजबूत हो ये नियम नही बन पाते।GST रजिस्ट्रेशन कराकर जनता हर महीने अपने काम का ब्यौरा सरकार को दे रही है। पर GST रजिस्ट्रेशन के बाद भी युवाओँ को सरकारी विभाग व प्राइवेट विभागों में काम नही मिल पा रहा है। कोई हैसियत के नाम पर तो कोई अनुभव चरित्र अन्य प्रमाण पत्र के नाम युवाओँ को काम देने से मना कर रहा है।

GST रजिस्ट्रेशन से अतिरिक्त अन्य प्रमाण पत्र की जगह युवाओं की शैक्षिक प्रमाण पत्र को आधार माना जाए क्योंकि उसे प्राप्त करने में युवाओं का समय पैसा दोनों लगा है और रोजगार भी नही मिल रहा है।संगठन ने GST रजिस्ट्रेशन के आधार पर 20 लाख तक कि काम करने में अन्य कागजी अनिवार्यता को हटाने की मांग की है सरकार से”। महंगी शिक्षा प्राप्त कर बेरोजगारी की मार झेल रहा युवा कहा जाए रोजगार के लिए ये बड़ा प्रश्न लिए हर युवा आम जन सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है। जनता की चुनी सरकार चाहे तो ये नियम बना कर युवाओ को बड़े पैमाने पर सरकारी संस्थाओं सरकारी योजनाओं पर कार्य करने की अनुमति दे कर रोजगार का अवसर दे सकती है। बेरोजगार युवाओं निराशा से बाहर निकलेंगे।GST के अतिरिक्त अन्य प्रमाण पत्रों के रख रखाव में प्रति वर्षी एक फार्म को लाखों खर्च से गुजरना पड़़ता है।और काम भी नही मिलता। सरकार को युवाओ के बेहतरी के लिए सरकार को संगठन निरन्तर पत्र लिख कर युवा हित मे निवेदन कर रहा है।उसी क्रम में नेट व पत्र के माध्यम से देश के माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी से संगठन ने 19 अक्टूबर को जानकारी प्रेषित कर मांग की।

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