दोषी चालक को 5 वर्ष की कठोर कैद

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दोषी चालक को 5 वर्ष की कठोर कैद
– 15 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
– जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी
– अर्थदंड की धनराशि में से 12 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
– 4 वर्ष पूर्व 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी का मामला
सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE
सोनभद्र। चार वर्ष पूर्व 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी चालक जसीम खान उर्फ सोनम को 5 वर्ष की कठोर कैद एवं 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 12 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 17 वर्षीय नाबालिग लड़की पीड़िता ने 5 जनवरी 2020 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि वह 3 जनवरी 2020 को शाम साढ़े छह बजे बाजार करके घर लौट रही थी।

जब घर जाने के लिए उसने पिकप गाड़ी रोका तो चालक जसीम खान उर्फ सोनम पुत्र नसीम खान निवासी कुडवा,थाना कोन,जिला सोनभद्र ने अपनी गाड़ी पर बैठा लिया और उसे यह कहकर कि घुमाकर आएंगे करीब 500 मीटर दूर जंगल में ले गया। जहां उसके साथ जबरन छेड़छाड़ किया। शोरगुल करने पर जान मारने की धमकी देने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर कई लोग आ गए और बीच बचाव किया तब इज्जत बची। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया।विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में छेड़खानी और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने,गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी चालक जसीम खान उर्फ सोनम को 5 वर्ष की कठोर कैद एवं 15 हजार रूपये अर्थदंड कीi सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 12 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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