सचिन तेंदुलकर हैं आदर्श, ईशान किशन की सलाह से बदली तकदीर, जानें कौन है रणजी में कहर ढाने वाला बिहार का लाल

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सचिन तेंदुलकर हैं आदर्श, ईशान किशन की सलाह से बदली तकदीर, जानें कौन है रणजी में कहर ढाने वाला बिहार का लाल

सच्चिदानंद, पटना. रणजी मुकाबले में असम के खिलाफ भले ही बिहार की टीम को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी शतकीय पारी खेलकर पटना के पीयूष कुमार सिंह ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. एक तरफ जहां बिहार की पारी लड़खड़ा रही थी. वहीं क्रीज पर मौजूद पीयूष कुमार सिंह रनों की बरसात कर रहे थे. अपने पहले रणजी टूर्नामेंट के तीसरे मैच में पीयूष ने शतक जड़ा. 8 चौकों की मदद से पीयूष ने 103 रन बनाया.

इंजीनियरों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले पीयूष कुमार सिंह राजधानी पटना के ही रहने वाले हैं. उनका भारतीय विकेटकीपर और विस्फोटक बल्लेबाज ईशान किशन के साथ बचपन से खास नाता रहा है.

26 जनवरी को किया था रणजी में डेब्यू
पटना के बेली रोड स्थित विजय नगर के रहने वाले 22 वर्षीय पीयूष कुमार सिंह ने 26 जनवरी 2024 को केरल के खिलाफ उसी स्टेडियम में डेब्यू किया, जहां से उन्होंने क्रिकेट का ककहरा सीखा. अपने डेब्यू मैच में पीयूष ने 51 रनों की अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम में जगह पक्की कर ली. बिहार की तरफ से ओपनिंग करने वाले पीयूष ने दूसरा मैच आंध्र प्रदेश के खिलाफ खेला. जिसमें 12 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन रणजी करियर के तीसरे मैच में असम के खिलाफ जबरदस्त वापसी करते हुए 103 रनों की शतकीय पारी खेली.

लोकल 18 से बात करते हुए पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कई मैचों के अनुभवों से सीखते हुए आने वाले मुकाबले में भी बेहतर प्रदर्शन की कोशिश रहेगी.

ईशान किशन से है खास नाता
पीयूष ने बताया कि क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को देख क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली. शुरुआत में गली क्रिकेट खेलता था. लेकिन मेरे बड़े भईया और ईशान किशन एक हीं स्कूल में पढ़ते थे और अच्छे दोस्त भी थे. 2008-09 में ईशान किशन अपने बेहतर प्रदर्शन के बदौलत बिहार में चर्चा का विषय बन चुके थे. ईशान किशन ने ही बताया कि पटना के मोइनुल हक स्टेडियम परिसर में क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार है, जहां क्रिकेट सिखाया जाता है.

अपने बड़े भाई के साथ मैंने भी एकेडमी ज्वाइन कर ली. इसी एकेडमी में पहली बार ड्यूज बॉल से खेलना शुरू किया. ईशान किशन की वजह से ही क्रिकेट सीखना शुरू किया था.

भारत में टॉप स्कोरर रह चूके हैं पीयूष
वर्ष 2014 में पीयूष ने पहली बार बिहार की तरफ से स्टेट मैच खेला. अंडर-16 बिहार एसोसिएट्स टूर्नामेंट के चार मैचों में शानदार प्रदर्शन किया. इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में मणिपुर के खिलाफ 51 रनों की नाबाद अर्धशतकीय पारी खेल बिहार की जीत में अहम भूमिका निभाई. इसके बाद 2017-18 में अंडर-23 वन डे मुकाबले में डेब्यू किया और 6 मैचों में 300 रन बनाए.

2018-19 में अंडर-19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी में डेब्यू किया और अपने शानदार प्रर्दशन से टॉप स्कोरर का रिकॉर्ड अपने नाम किया. इस ट्रॉफी में 7 मैच खेलकर 540 रन बटोरे. इसके बाद वर्ष 2023 में बेंगलुरु में हुए वन डे टूर्नामेंट के तीन मैचों में कुल 266 रन बनाए. इसमें पहले मैच में अरूणाचल प्रदेश के खिलाफ 81 रन, दिल्ली के खिलाफ 85 रन और उत्तराखंड के खिलाफ 100 रनों की पारी खेली. इसी शानदार प्रदर्शन के बदौलत सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और रणजी टीम में स्थान बनाया.

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इंजीनियर के परिवार ने दिया क्रिकेटर को जन्म
पीयूष कुमार सिंह एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसमें दो इंजीनियर हैं. इनके पिता अजय कुमार सिंह बिहार सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत हैं. बड़े भाई अनिकेत कुमार सिंह शुरुआत में क्रिकेट खेलते थे. लेकिन, बाद में वो बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौकरी करने लगे. माता संजू सिंह गृहणी हैं.

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पीयूष बताते हैं कि परिवार की ओर से हमेशा क्रिकेट खेलने में सपोर्ट रहा. पापा ने हमेशा प्रयास किया कि कभी प्रैक्टिस ना छूटे. पीयूष को कवर ड्राइव और स्ट्रेट ड्राइव खेलना बहुत पसंद है और फिलहाल विराट कोहली के बैटिंग स्टाइल के दीवाने हैं.

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