दरभंगा बिहार में मझौलिया गांव में जन्मी उषाकिरण खान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार की थीं. उनके पिता जगदीश चौधरी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उन्होंने अपने पिता का आजादी के संग्राम में एक अलग ही चेहरा देखा. ‘यह बड़ी नमकीन मिट्टी है’ सहित उषाकिरण खान की आत्मकथाओं में पिता के इस संघर्षशील व्यक्तित्व के कई अविस्मणीय पक्ष उजागर हुए हैं.
दरभंगा बिहार में मझौलिया गांव में जन्मी उषाकिरण खान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार की थीं. उनके पिता जगदीश चौधरी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उन्होंने अपने पिता का आजादी के संग्राम में एक अलग ही चेहरा देखा. ‘यह बड़ी नमकीन मिट्टी है’ सहित उषाकिरण खान की आत्मकथाओं में पिता के इस संघर्षशील व्यक्तित्व के कई अविस्मणीय पक्ष उजागर हुए हैं.