जमशेदपुर की सुचित्रा देवी ने बताया, मेला-बाजार में जब भी हम लोग निकलते थे तो बाहर सिर्फ जलेबी, मिठाई या पान खाया करते थे. इसके अलावा, तब किसी भी प्रकार का चाट, चाऊमीन या समोसा नहीं हुआ करता था.
जमशेदपुर की सुचित्रा देवी ने बताया, मेला-बाजार में जब भी हम लोग निकलते थे तो बाहर सिर्फ जलेबी, मिठाई या पान खाया करते थे. इसके अलावा, तब किसी भी प्रकार का चाट, चाऊमीन या समोसा नहीं हुआ करता था.


