धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया दशहरा, रावण दहन देखने उमड़ा जनसैलाब |
“मेला ग्राउंड में रहा भीड़ का अंबार”
विंढमगंज (सोनभद्र) स्थानीय थाना क्षेत्र के भारतीय इंटर कॉलेज क्रीड़ा स्थल छठ घाट पर विजयदशमी पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और माता रानी के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

दोपहर तीन बजे राम जानकी मंदिर से मां दुर्गा की प्रतिमा यात्रा प्रारंभ होकर काली शक्तिपीठ मंदिर पहुंची, जहां विभिन्न मंदिरों की प्रतिमाओं और झांकियों का मिलन हुआ। रथ और झांकियां मुख्य बाज़ार से होते हुए क्रीड़ा स्थल तक पहुंचीं। इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारु बनी रही। मेले के मंच पर ओम कुमार रावत, अजय गुप्ता और आशीष जायसवाल ने संचालन करते हुए भीड़ को अनुशासन और शांति बनाए रखने की अपील की। आशीष जायसवाल द्वारा रावण की नकल दर्शकों के लिए हास्य का केंद्र बनी रही। शाम होते ही हजारों की भीड़ रावण दहन देखने क्रीड़ा मैदान में उमड़ पड़ी। भव्य मंचन के बीच रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया। रावण दहन के क्षण का गवाह बनने के लिए महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में गज़ब का उत्साह देखा गया।
दुर्गा पूजा रामलीला रावण दहन समिति के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि इस बार भी पूरे क्षेत्र से भारी संख्या में लोग दशहरा मेला देखने पहुंचे। मेले में झूले, मिकी माउस, मिठाई और खिलौनों की दुकानों ने आकर्षण बढ़ा दिया। आतिशबाजी के बाद भी देर रात तक श्रद्धालु मेले का आनंद उठाते रहे। मेले के आयोजन में राम जानकी मंदिर के श्री श्री 108 महंत मनमोहन दास महाराज जी, प्रधान पुजारी हृदयानंद दुबे जी, वेद मोहन दास जी (कृपा पात्र) की मुख्य भूमिका रही। इसके साथ ही समिति अध्यक्ष संजय गुप्ता, ओम रावत, राजू रंजन तिवारी, अभिषेक प्रताप सिंह, आशीष कुमार जायसवाल, सुमन गुप्ता, सुरेंद्र पासवान, सरजू यादव, दिनेश यादव, अशोक जायसवाल, पप्पू गुप्ता, अमित केसरी, आनंद दुबे (हनुमान मंदिर के पुजारी), जितेश शर्मा, अरविंद गुप्ता, ओम प्रकाश यादव, लक्ष्मण कुमार, विवेक सिंह, अरविंद जायसवाल, पवन रजक, दीपक गुप्ता सहित क्षेत्र के कई समाजसेवियों का विशेष योगदान रहा। पूरे आयोजन में थाना अध्यक्ष सहित पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहे, जिससे किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। रावण दहन के बाद देर रात तक श्रद्धालु मेले के आनंद में डटे रहे।

