विंढमगंज काली मंदिर परिसर में गरबा और सिंदूर खेल के साथ सम्पन्न हुआ समारोह

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विंढमगंज काली मंदिर परिसर में गरबा और सिंदूर खेल के साथ सम्पन्न हुआ समारोह

विंढमगंज, सोनभद्र।
शारदीय नवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर विंढमगंज स्थित मां काली मंदिर परिसर का वातावरण रविवार को भक्ति, उल्लास और भावनाओं से सराबोर रहा। मां दुर्गा की विदाई का आयोजन बड़े ही भावपूर्ण और काव्यात्मक ढंग से सम्पन्न किया गया, जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक सिंदूर खेलते हुए माता रानी को विदा किया। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही और सभी ने मिलकर माता से गांव व क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना की।

सुबह से ही मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया गया था। विदाई के विशेष अनुष्ठान में महिलाओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा पर सिंदूर अर्पित कर अपनी मंगलकामनाएँ व्यक्त कीं। इसके बाद पारंपरिक रस्म निभाते हुए उन्होंने एक-दूसरे को भी सिंदूर लगाया, जिससे पूरा वातावरण उमंग और भक्ति से भर गया। यह दृश्य देखने वालों को वैवाहिक सौभाग्य और देवी शक्ति की अटूट कृपा का संदेश देता रहा।

समारोह के दौरान काली पीठ के अध्यक्ष श्री रविशंकर जायसवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नवरात्रि के नौ दिन पूरे क्षेत्रवासियों के लिए ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति के स्रोत बने रहे। माता की उपासना ने न केवल श्रद्धालुओं को आंतरिक शांति प्रदान की बल्कि सामूहिक एकता और सद्भावना को भी मजबूत किया। उन्होंने यह भी कहा कि माता की विदाई की घड़ी हमें त्याग, संयम और जीवन में संतुलन का संदेश देती है।

विदाई अनुष्ठान के साथ-साथ महिलाओं और युवतियों ने गरबा नृत्य भी प्रस्तुत किया। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों की धुन पर सभी भक्तजन झूम उठे। गरबा और गीतों की यह प्रस्तुति विदाई समारोह को और अधिक जीवंत बना रही थी। श्रद्धालुओं ने बताया कि इस क्षण में ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे माता रानी को कुछ और दिनों तक रोक लिया जाए, किंतु परंपरा और मर्यादा का पालन करते हुए सभी ने भावभीनी विदाई दी।

कार्यक्रम के दौरान कई श्रद्धालु भावुक भी हो उठे। महिलाएँ आंखों में आँसू लिए माता के चरणों में नतमस्तक हुईं और अपने परिवार तथा समाज की उन्नति की कामना की। वहीं युवाओं ने इसे एक सांस्कृतिक उत्सव का रूप देते हुए गरबा वंदना से पूरे माहौल को प्रफुल्लित कर दिया।

समारोह के अंत में जय माता दी के गगनभेदी जयकारों के बीच मां दुर्गा की प्रतिमा को विदा किया गया। वातावरण में गूंज रहे इन जयकारों ने हर किसी के हृदय को छू लिया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने माता रानी से गांव में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, शांति और प्रगति की मंगलकामना की।

इस प्रकार नवरात्रि महोत्सव का समापन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक उत्सव की मिसाल भी पेश कर गया। विंढमगंज काली मंदिर परिसर में सम्पन्न हुआ यह समारोह लंबे समय तक श्रद्धालुओं की स्मृतियों में जीवंत रहेगा।

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