भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, कानपुर द्वारा दिव्यांगजन एवं वृद्धजन हेतु शिविर का आयोजन

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भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, कानपुर द्वारा दिव्यांगजन एवं वृद्धजन हेतु शिविर का आयोजन

कोन/सोनभद्र। समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और उन्हें सहारा प्रदान करने के उद्देश्य से भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), कानपुर द्वारा कोन विकास खण्ड सभागार में दिव्यांगजन एवं वृद्धजन के लिए एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर का उद्देश्य-

इस शिविर का मुख्य उद्देश्य था कि वृद्धजन और दिव्यांगजन को सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का सीधा लाभ उपलब्ध कराया जा सके। खासतौर पर उन लोगों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराना, जो शारीरिक कठिनाइयों के कारण दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियों को आसानी से नहीं कर पाते।

प्रमुख योजनाएँ-

शिविर के दौरान दो केंद्रीय योजनाओं को लागू किया गया:

1. राष्ट्रीय वयोश्री योजना (वृद्धजन हेतु) – इसके तहत वृद्धजनों को जीवनयापन में सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए।

2. एडीआईपी योजना (दिव्यांगजन हेतु) – दिव्यांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं सहायक साधन प्रदान किए गए।

विशेषज्ञों की उपस्थिति-

इस कार्यक्रम में एलिम्को कानपुर से आए विशेषज्ञों की टीम मौजूद रही। इसमें प्रमुख रूप से –

श्री राकेश पाण्डेय, श्री अमित कुमार

श्री श्रीओम सिंह, श्री अंकित सिंह, श्री नवीन मिश्रा

इसके अतिरिक्त खण्ड विकास अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति से शिविर की गंभीरता और प्रभावशीलता और अधिक बढ़ गई।

लाभार्थियों की संख्या-

शिविर में कुल 250 लोगों को चिन्हित किया गया। इनमें से 100 वृद्धजन और 37 दिव्यांगजन शामिल थे। सभी पात्र लाभार्थियों को आवश्यकतानुसार सहायक उपकरण हेतु चिन्हित किया गया |

अधिकारियों का संदेश-

अधिकारियों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ये योजनाएँ समाज के उन वर्गों के लिए बेहद उपयोगी हैं, जिन्हें सबसे अधिक सहारे की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस प्रकार के शिविर लगातार आयोजित किए जाते रहेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके।

ग्रामीणों में उत्साह-

ग्रामीणों और लाभार्थियों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए सरकार व एलिम्को का आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि यह उपकरण उनके जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद करेंगे।

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