🚨🔴 ब्रेकिंग न्यूज़: सोनभद्र में गलत इंजेक्शन से युवक की संदिग्ध मौत |
भारत हॉस्पिटल पर गंभीर लापरवाही का आरोप, परिजनों का हंगामा – पुलिस ने संभाला मोर्चा
संवाददाता – चन्द्रशेखर प्रसाद, कोन (सोनभद्र)
सोनभद्र जिले के कोन थाना क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। कोन क्षेत्र स्थित भारत हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंचे एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने गलत इंजेक्शन लगाया, जिससे उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और कुछ ही मिनटों में उसने दम तोड़ दिया।

मामूली बीमारी, लेकिन मौत बन गई इलाज!
परिजनों के अनुसार, युवक को केवल हल्का पेट दर्द और कमजोरी थी। परिवार के लोग उसे इलाज के लिए भारत हॉस्पिटल लेकर आए। जांच के बाद डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाने का निर्देश दिया।
लेकिन जैसे ही इंजेक्शन लगाया गया, युवक की हालत बिगड़ने लगी — सांस लेने में दिक्कत, चेहरा पीला, शरीर ठंडा और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई।
इकलौते बेटे की मौत से परिवार बर्बाद
मृतक अपने घर का इकलौता बेटा था। घटना की खबर सुनते ही परिवार पर जैसे आसमान टूट पड़ा। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम का माहौल है और हर कोई अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है।
अस्पताल के बाहर हंगामा – भीड़ बेकाबू
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अस्पताल के बाहर जुट गए। गुस्साई भीड़ ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषी डॉक्टर व स्टाफ पर तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।
भीड़ के आक्रोश को देखते हुए हालात तनावपूर्ण हो गए, जिसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला।
पुलिस की कार्रवाई

कोन थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक के परिजनों की लिखित तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

निजी अस्पतालों पर उठे सवाल
इस घटना ने जिले में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण और दवा-उपचार की जांच होती, तो शायद यह घटना टल सकती थी।
लोगों की मांग है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ ऐसे अस्पतालों की लाइसेंस जांच हो और लापरवाही पाए जाने पर तुरंत बंद किया जाए।
13 वर्षीय वेदांत की मौत: इंजेक्शन लगाते ही बुझ गया घर का इकलौता चिराग
अस्पताल संचालक व कर्मचारी गिरफ्तार, भारत हॉस्पिटल सील, प्रशासन सक्रिय |संवाददाता – चन्द्रशेखर प्रसाद, कोन (सोनभद्र)
कोन (सोनभद्र)।
ग्राम पंचायत मिश्री के टोला डोमा में बुधवार को उस समय मातम छा गया जब 13 वर्षीय वेदांत पाठक की इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कोन स्थित भारत हॉस्पिटल में बिना डॉक्टर की मौजूदगी के एक कर्मचारी ने गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और कुछ ही घंटों में उसने दम तोड़ दिया।


इलाज के नाम पर लापरवाही
बुधवार भोर 3 बजे पेट दर्द से पीड़ित वेदांत को परिजन सुबह 5 बजे भारत हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। उस समय न कोई डॉक्टर मौजूद था और न कोई विशेषज्ञ। वहां मौजूद कर्मचारी ने बिना जांच के इंजेक्शन और दो दवाएं देकर बच्चे को घर भेज दिया। घर पहुंचते ही उसकी तबीयत और बिगड़ी। दोबारा अस्पताल लौटने पर कर्मचारी ने देखने से इनकार कर दिया। परिजन उसे दूसरे अस्पतालों में ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गांव में शोक और गुस्सा
वेदांत तीन बहनों में सबसे छोटा और घर का इकलौता बेटा था। पिता कैंसर पीड़ित हैं और इलाज के लिए रांची में हैं। बेटे की मौत की खबर से घर और गांव में कोहराम मच गया। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में धरना देकर मुआवजा और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही एसडीएम विवेक सिंह, सीओ ओबरा हर्ष पांडेय और थाना प्रभारी संजीव सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने अस्पताल संचालक और इंजेक्शन देने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। सीएमओ के निर्देश पर अस्पताल में भर्ती दो महिलाओं को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया और भारत हॉस्पिटल को तत्काल सील कर दिया गया।

बिना लाइसेंस अस्पतालों पर सवाल
सीएमओ डॉ. अश्वनी कुमार ने पुष्टि की कि भारत हॉस्पिटल अवैध तरीके से संचालित हो रहा था। इसे सील कर दिया गया है और जिले के अन्य अवैध अस्पतालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
घटना की गंभीरता को देखते हुए कोन, ओबरा, चोपन, विंढमगंज सहित कई थानों की पुलिस और पीएसी तैनात की गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी दुद्धी भेज दिया है।
यह घटना न केवल एक मासूम की जान जाने की त्रासदी है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों की पोल खोलने वाली भी है।


