सरकारी भूमि पर हो रहा यात्री शेड का निर्माण, भूमि स्वामित्व अब भी संदिग्ध |
अधिकारियों के निर्देश की उड़ रही धज्जियां, ठेकेदार पर मनमानी का आरोप
दुद्धी, सोनभद्र। हीराचक गांव (ब्लॉक दुद्धी) स्थित कनहर नदी किनारे निर्माणाधीन यात्री शेड एक बार फिर विवादों में आ गया है। बिना भूमि स्वामित्व के स्पष्ट हुए, कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया है, जिससे स्थानीय जनता में रोष है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि निर्माण स्थल की भूमि वन विभाग की है या ग्राम समाज की, फिर भी ठेकेदार द्वारा ढलाई की तैयारी अंतिम चरण में है।

सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार और ग्राम प्रधान समेत कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोग सरकारी जमीन पर शेड का निर्माण कार्य कराने में लगे हैं। आरोप है कि वन विभाग को “मैनेज” कर मौन स्वीकृति हासिल कर ली गई है और एक-दो दिनों में ढलाई की योजना भी पूरी कर ली गई है।
ज्ञात हो कि लगभग एक माह पूर्व कुछ जागरूक ग्रामीणों ने यात्री शेड के निर्माण को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद रेशम और वन विभाग ने कार्य रोकने का निर्देश देते हुए भूमि के चिन्हांकन की बात कही थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उक्त भूमि वन विभाग की है या ग्राम समाज की, इसके बावजूद निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला पंचायत सदस्य और ठेकेदार की मिलीभगत से बस्ती और मुख्य सड़क से दूर, कनहर नदी के किनारे शेड का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि निर्माण सामग्री — खासकर बालू और गिट्टी — सीधे नदी से जुटाई जा सके।
इस संबंध में विंढमगंज रेंज के रेंजर इमरान खान ने बताया कि उप जिलाधिकारी सहित वन विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बाबत पत्राचार किया गया था। लेखपाल द्वारा नाप-जोख भी करवाई गई, लेकिन रिपोर्ट ग्राम प्रधान के नाम पर बना दी गई, जिससे स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि एक बार फिर पत्र भेजकर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी गई है। जब तक जमीन की स्वामित्व स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
स्थानीय लोगों ने उच्चाधिकारियों से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है।


