हत्या के चार दोषियों को उम्रकैद

0

हत्या के चार दोषियों को उम्रकैद
* 27-27 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
* साढ़े 15 वर्ष पूर्व हुए दीपक जायसवाल हत्याकांड का मामला

सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE

सोनभद्र। साढ़े 15 वर्ष पूर्व हुए दीपक जायसवाल हत्याकांड के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों संतोष कुमार, राकेश कुमार उर्फ आजाद, जैनेन्द्र प्रजापति उर्फ पप्पू व रतन पासवान को उम्रकैद व 27-27 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अमरचंद्र जायसवाल पुत्र स्वर्गीय पन्नालाल जायसवाल निवासी नईबस्ती, थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र ने 20 अगस्त 2009 को चोपन थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उनका लड़का दीपक जायसवाल चोपन बाजार में तकादा का काम करता था। 17 अगस्त 2009 को शाम के समय डाला बाजार में तकादा के लिए गया था। तभी से लड़का गायब है। उसकी हर संभव जगह तलाश की गई, लेकिन कहीं पता नहीं चला। तब 18 अगस्त 2009 को गुमशुदगी की रिपोर्ट डाला चौकी में दर्ज कराई थी। लड़के की लाश दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के रजखड़ में मिली। शव को देखने से लग रहा है कि किसी ने हत्या करके लाश को फेक दिया होगा। आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस तहरीर पर पुलिस ने 20 अगस्त 2009 को अज्ञात में हत्या की एफआईआर दर्ज किया।

मामले की विवेचना के दौरान चार लोगों का नाम प्रकाश में आया। जिनमें संतोष कुमार पुत्र राजेंद्र कुशवाहा निवासी नैटोलिया (कोटा), राकेश उर्फ आजाद पुत्र रामनाथ शाह निवासी डाला, जैनेंद्र प्रजापति उर्फ पप्पू पुत्र अर्जुन निवासी डाला व रतन पासवान पुत्र जगरनाथ निवासी डाला, थाना चोपन, जिला सोनभद्र शामिल हैं। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों संतोष कुमार, राकेश उर्फ आजाद, जैनेन्द्र प्रजापति उर्फ पप्पू व रतन पासवान को उम्रकैद व 27-27 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here