विभिन्न सरकारी विभागों में अधिकारीयों व कलर्को का स्थानांतरण नीति 2024 – 25 का सोनभद्र में हों पालन – जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी
एक ही जगह कुंडली मारकर बैठने के कारण भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा सरकार की हों रहीं छवि खराब ।
सोनभद्र जनपद अंतर्गत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कैबिनेट में मंजूर स्थांतरण नीति 2024 – 25 का जनपद सोनभद्र में 3 वर्ष का सेवा काल पूरा कर चुके एवं मंडल में 7 वर्ष का सरकारी नौकरी में सेवाकाल पुरा कर चुके समूह क व ख वर्ग के अधिकारियों का स्थानांतरण साथ ही लंबे समय से एक ही स्थान पर कुंडली मारकर बैठे समूह ग और घ वर्ग के कर्मचारी का जनहित में स्थानांतरण किया जाए जिससे सरकार की मंशा अनुसार सुचिता पूर्वक कार्य जनता का किया जा सके । भारतीय जनता पार्टी मीडिया सह प्रभारी सोनभद्र जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से जनहित के मद्देनजर मांग करते हुए कहा कि जनपद सोनभद्र में लंबे अरसे से अधिकारी कर्मचारी सरकार की मंशा के विपरीत विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे हैं आए दिन विभिन्न विभागों का भ्रष्टाचार संबंधी शिकायती प्रार्थना पत्र पोर्टल पर दर्ज कराया जा रहा है परंतु संबंधित विभाग के लोगों को ही जांच अधिकारी बना दिया जाता है जिससे निष्पक्ष जांच की आशा शिकायतकर्ता की पूर्ण रूप से धूमिल हो जाती है । पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति जहां आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बच्चे निः शुल्क शिक्षा ग्रहण करते है वहां भोजन से लेकर सामग्री खरीद फरोख्त में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है , कृषि विभाग में कृष को सरकार की मंशा अनुसार लाभ बीजों का नहीं प्रदान कराया जाता आधुनिक तकनीक का प्रयोग कृषि क्षेत्र में बढ़ावा को लेकर व रासायनिक खाद्यों की बजाए जैविक खाद्यों के प्रयोग पर बल गांव गांव जन जागरण कर नहीं किया जा रहा । स्वास्थ्य विभाग में समूह क ख ग घ वर्ग के कर्मचारियों द्वारा बाहरी जांच , बाहरी दवा, खुलेआम चिकित्सकों का प्रतिबंधित निजी प्रैक्टिस , संविदा चिकित्सको द्वारा अस्पताल की साफ सुथरी छवि को धूमिल करना , मैनेजमेंट का स्वच्छता , अस्पताल के रखरखाव , सरकारी अस्पतालों से मरीजों को प्राइवेट सर्जिकल अस्पतालों में रेफर कर अत्यंत पिछड़े आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का आपरेशन के नाम पर शोषण , गंभीर मरीजों का इमरजेंसी वार्ड 21वीं सदीं में भी संसाधन व्यवस्था की सुलभता के बावजूद सुनियोजित सरकार की छवि के विपरीत कार्य करना , अस्पताल के अधीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मिली भगत से खुलेआम प्राइवेट अस्पतालों का संचालन कर मरीज के जान माल को खतरा अप्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा पहुंचाना । खनन विभाग का जनपद सोनभद्र में माफियाओं द्वारा पलीता लगाकर गुंडागर्दी को बढ़ावा देना व आम आदमी के मिलते आ रहे सस्ते दर पर गिट्टी बालू पर रोक , अवैध उत्खनन द्वारा करोड़ अरबों रुपए का राजस्व को नुकसान पहुंचाना । अंधाधुन वन विभाग द्वारा अवैध वनों का कटान पर रोक लगाने में विफलता, करोड़ लगाए गए वृक्षारोपण की रखरखाव में असफलता , राजस्व विभाग में आदिवासियों व वन भूमि पर विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से कब्जा , सभी एनजीओ का कार्य कागजों पर , डूब क्षेत्र के लोगों का विस्थापन पैकेज के नाम पर लेखपालों द्वारा करोड़ों का हेरा फेरी , औद्योगिक कल कारखानों द्वारा एनजीटी के दिशा निर्देश के विपरीत पर्यावरण प्रदूषण कर जीव जंतु पशु पक्षियों का जीवन संकट में डालना आदि अनंत असंख्य जन समस्याओं के मद्देनजर स्तांतरण नीति 2024 – 2025 का अक्षरशह से पालन जनपद सोनभद्र में समस्त विभागों में किया जाना सरकार की मंशा अनुरूप अति आवश्यक और जनहित में होगा।