लेखक अशोक जमनानी की किताब को अहम पर आधारित फिल्म हु एम आय इस सप्ताह सिनेमागृहो में प्रदर्शित हो रही हैं कई फिल्म महोत्सवो में दर्शकों की पसंद बनी यह फिल्म कैसी हैं आइए जानते हैं।
- प्रकृति और साहित्य से परिचित कराती है ‘हु एम आई’ की ये अद्भुत कहानी
फिल्म: हु एम आय
कलाकार: ऋषिका चंदानी, चेतन शर्मा, सुरेंद्र राजन, शशि वर्मा
निर्माता:शिरीष प्रकाश
निर्देशक:शिरीष खेमरिया
संगीत:अभिनय सिंह
रेटिंग:⭐⭐⭐ स्टार्स
कहानी: हु एम आई फिल्म भवितव्य(चेतन शर्मा)अपने सवालो से उलझा हुआ रहता है जैसे मैं कौन हूँ हम सांस क्यों लेते हैं और जानना चाहता है कि उसके जीवन का क्या अर्थ है अपने सवालों में उलझा भवितव्य शहर में आकर दर्शन शास्त्र (फिलोसफी)की पढ़ाई शुरू करता हैं यहां उसकी मुलाक़ात अदिति( ऋषिका चंदानी) के साथ होती हैं अदिति और भवितव्य की दोस्ती में प्रेम पनपता हैं इसे अदिति महसूस कर पाती हैं। भवितव्य अपने वालों के जवाब अध्यापक वीएलएन सर (शशि वर्मा) के चाहता हैवीएलएन सर के जवाब भवितव्य को संतुष्टि नहीं दे पाते हैं भवितव्य अपने सवालों के उलझन में अदिति के प्यार को समझ नहीं पाता हैं इस बीच उसे पाता चलता हैकी उसके अध्यापक का एक्सीडेंट हो जाता है वह अब इस दुनिया में नहीं रहे और वह बहुत ही दुखी रहने लगता है । इस बीच भवितव्य मुलाक़ात नर्मदा घाट के पास रहने वाले साधु (सुरेंद्र राजन)से होती है जो साधु भवितव्य को शिवानन्द नाम से ही बुलाते है वह साधु से मिलने कभी कभी आता वह अपने सवालो को ढूँढता रहता है जैसे मैं कौन हूँ ख़ुद को पहचानने की कोशिश करता है क्या वह ख़ुद को समझ पाएगा कि वह कौन है और क्या वह जीवन का अर्थ समझ पाएगा?
निर्देशन: इस फिल्म के निर्देशक युवा शीरिश खेमरिया हैं इतने गूढ़ और चुनौती पूर्ण कहानी पर एक परिपक्व फिल्म देखने को मिलती हैं यह यक़ीन कर पाना मुश्किल होता हैं की दर्शन शास्त्र जैसे विषय पर ऐसा सिनेमा बनाना जिसमें दर्शक की रुचि भी हो और मनोरंजन भी हो। फिल्म के कई दृश्य किसी पेंटिंग की तरह उकेरे गए हैं। फिल्म का पहला भाग है जो कई सारे सवालों को खड़ा करता हैं और दूसरे भाग में हम उन सवालों के उत्तर मिलते हैं।
अभिनय: भवितव्य का किरदार निभाने वाले चेतन शर्मा एक सधे हुए कलाकार हैं इसके पहले भी साँकल, आँखों देखी और सेक्रेड गेम्स २ में उनके अभिनय की प्रतिभा से हम सब परिचित हैं। इस फिल्म में भी किरदार के दोहरे परत को वह पर्दे पर बखूबी निभाते हैं उनके चेरे पर उनके सवालों का तूफ़ान सभी दृश्यों में देखा जा सकता हैं। अदिति की भूमिका में रिशिका चंदानी पानी पहली फिल्म में बहुत प्रभावित करती हैं भवितव्य जितना व्यग्र और सवालों में उलझा हैं अदिति उतनी ही शांत और स्थित हैं वीएलएन सर ( दर्शन शास्त्र के अध्यापक ) की भूमिका में शशि वर्मा बहुत प्रभावशाली लगे हैं तो सुरेंद्र राजन ने स्वामी जी के किरदार को बहुत शानदार तरीक़े से पड़े पर निभाया हैं फिल्म में अन्य सभी कलाकारों ने स्वाभाविक अभिनय किया हैं।
फाइनल टेक: फिल्म हु एम आई की कहानी नर्मदा नदी से जुड़ी हुई है यह नर्मदा की तरह ही जीवन की दिखाती हैं फिल्म में सिनमेटोग्राफर शशांक विराग ने मध्यप्रदेश की मनोहारी लोकेशंस को खबसूरती से फिल्माया हैं कई दृश्य प्रतीकात्मक है निर्देशक और सिनमेटोग्राफर इस संयुक्त रूप से पर्दे पर दिखाने में सफल रहते हैं इस फिल्म के गाने फिल्म की पृष्ठभूमि में चलते रहते हैं कुल मिलाकर अगर आप साहित्य पर आधारित सिनेमा के दर्शक हैं और एक अच्छे अभिनय और प्रस्तुति की फिल्म देखना चाहते हैं तो हु एम आय आपके लिए हैं।