भारतीय संस्कृति और सभ्यता के महत्व को समझाते हुए बच्चों को किया प्रेरित

0
Oplus_131072

भारतीय संस्कृति और सभ्यता के महत्व को समझाते हुए बच्चों को किया प्रेरित

सोनभद्र ब्यूरो चीफ दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)डिजिटल भारत न्यूज टुडे नेटवर्क 24×7 LIVE
ओबरा/सोनभद्र।यदि व्यक्ति एक संयमित जीवन जिये तो उसके मन की मेधा,स्मरण और अन्य शक्तियाँ जागृत हो सकती हैं।यह बातें शिक्षिका पूजा ने बच्चों को परीक्षा में अधिकाधिक अंक प्राप्त करने एवम जीवन के उच्चतम सोपान को पाने में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के महत्व को समझाते हुए उसे अपने जीवन में आत्मसात करने हेतु प्रेरित करते हुए कहा।उन्होंने कहा कि आजकल दिन-प्रतिदिन नई पीढ़ी और युवावर्ग जाने-अनजाने में विदेशी रहन सहन और पाश्चात विचारों को अंधाधुंध अपनाती जा रही है। इतना ही नहीं उन्हे ऐसा करने में प्रतिष्ठा नजर आती है। भले ही वो रहन-सहन हमारे शरीर और मानसिक स्वस्थ्य के लिए हानिकारक ही क्यों न हो।हमारी युवा पीढ़ी इस बात को भूल सी गयी है कि भारत की संस्कृति,परंपरा और अध्यात्म में जीवन के ऐसे बहुमूल्य अनुभव छुपे हैं जो किसी अन्य देश अथवा संस्कृति के पास नहीं हैं।

Oplus_131072

मन की एकाग्रता, संयम, और त्याग से प्राप्त होने वाली उपलब्धियों के विषय में उनकी कोई इच्छा नहीं है।किन्तु बार-बार हमारे देश के महान दार्शनिकों और योगियों के ज्ञान और श्रेष्ठता से पश्चिमी देशों के लोग अत्यंत प्रभावित हुए हैं ।स्वामी विवेकानंद का जीवन हमें निर्भीक, साहसी, संयमी और परिश्रमी बनने की शिक्षा देता है। एक ओर वेदान्त, ब्रह्मसूत्र और गीता जैसे ग्रंथ ज्ञान-विज्ञान के उच्चतम अनुभवों की शिक्षा देते हैं तो दूसरी ओर हमारे अन्य ग्रंथ दैनिक जीवन को मर्यादित और अनुशासित जीने की सलाह देते हैं।

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here