Sahitya Aaj Tak Kolkata 2024: ‘एनिमल’ पर भड़के Shailesh Lodha? कसा तंज, बोले- किसने कहा अल्फा मेल रोता नहीं…

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Sahitya Aaj Tak Kolkata 2024: ‘एनिमल’ पर भड़के Shailesh Lodha? कसा तंज, बोले- किसने कहा अल्फा मेल रोता नहीं…

Shailesh Lodha at Sahitya Aaj Tak Kolkata 2024: कोलकाता में साहित्य आजतक का ग्रैंड स्केल पर आगाज हुआ. इस प्रेस्टीजियस मंच पर टीवी एक्टर और कवि शैलेश लोढ़ा ने शिरकत की. आते के साथ ही उन्होंने सभी को अपना दीवाना बना लिया. एक्टर ने कहा कि मुझसे कोई फिल्टर नहीं है, सीधा दिल से बात आती है और जुबान से जाती है. शैलेश ने इंटरव्यू में फायर बोल बोले और कई मुद्दों पर अपनी राय दी. उन्होंने कई पॉलिटिकल इशू पर भी बात की. अपना बिलीफ बताते हुए उन्होंने कहा कि हवा श्रीराम की वजह से चल रही है.  

शैलेश ने अपने बचपन के किस्से से शुरुआत की. एक्टर ने बताया कि कैसे दस साल की उम्र में उनके पिता उन्हें पड़ोसी से स्कूटर उधार लेकर एक शो के लिए लेकर गए थे. जहां दस हजार करीब लोग थे, वहां से बड़ी प्रशंसा मिली. वहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई. उन्हें रियलाइज हुआ कि वो लिख सकते हैं. ये सब शब्द उनके अंदर से आते हैं. बातचीत के दौरान शैलेश ने कई कविताएं भी पढ़ी. 

बॉलीवुड के संघर्ष जीवन पर शैलेश का फूटा गुस्सा 

शैलेश से जब उनके स्ट्रगल फुल लाइफ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने काफी परेशान होते हुए कहा कि स्ट्रगल है क्या कुछ नहीं. वो काफी नाराज होते हुए बोले ये हमारी इंडस्ट्री का दिया एक टर्म है. जो कि है नहीं कहीं. मैं भूखा रहा, मैं जमीन पर सोया, इतना चला, ये किया वो किया, तब जाकर ये मुकाम हासिल हुआ. अरे क्या कह रहे हो यार, क्यों ग्लोरिफाई कर रहे हो. ये है नहीं कुछ, अगर स्ट्रगल है तो हर जगह है. आपकी फील्ड में हैं. आप भी दस इंटरव्यू देते हैं, रिजेक्ट होते हैं, तब जाकर एक नौकरी मिलती है. क्या ये स्ट्रगल नहीं है. मेरे समझ में एक पेन भी आप यहां से उठाकर वहां रखते हैं तो वो यूं ही नहीं हो जाएगा…स्ट्रगल है. तो ये बढ़ाचढ़ाकर बताया गया शब्द है. स्ट्रगल नहीं है वो जीवन है. आप जीवन जी रहे हैं संघर्ष नहीं कर रहे हैं. 

एनिमल पर तंज

बातचीत में शैलेश ने एनिमल फिल्म पर कटाक्ष किया. संदीप रेड्डी वांगा के डायरेक्शन में बनी फिल्म एनिमल में उन्होंने रणबीर के कैरेक्टर रणविजय को अल्फा मेल बताया था. फिल्म रिलीज के बाद इस पर काफी बहस चली. इस पर तंज कसते हुए शैलेश ने कहा कि आजकल ये बहुत चला है कि अल्फा मेल रोता नहीं है. किसने कहा भाई, रोना चाहिए. बिल्कुल रोना चाहिए. अगर आप रोते नहीं हैं, अगर आपके अंदर संवेदनशीलता ही खत्म हो गई है तो आप इंसान नहीं हैं. मैं रोता हूं. फिल्में देख कर रोता हूं. सड़क पर कुछ हो रहा होता है वो देख कर रो देता हूं. आदमी को रोना चाहिए, ये संसार का सबसे बड़ा गिफ्ट है.  

लाइफ और करियर की प्लानिंग

शैलेश आगे बोले- मैं अपने लिए कोई सपना नहीं देखता. मैं कोई प्लानिंग नहीं करता. क्योंकि मैं अपनी जिंदगी ऐसे ही जीता हूं. मैंने आजतक कोई प्लानिंग नहीं की, मुझे भगवान जहां ले जाएं, मैं वहां चला जाऊंगा. जब मेरा जन्म ही मैंने तय नहीं किया तो मैं कर्म कैसे करूं. तो जो उसने भेजा वो मैं कर रहा हूं. 

शैलेश ने बातचीत के दौरान अपनी लिखी कई बेहतरीन कविताएं सुनाई. ऑडियन्स भी उनसे कुछ ना कुछ सुनने की दरकार करते रहे, शैलेश ने किसी को निराश नहीं किया. कोलकाता की तारीफ में शैलेश ने कहा कि यहां इतना प्यार मिलता है कविता, संगीत को, मैं बड़ा शुक्रगुजार हूं. यहां सुबह 6:30 बजे का शो किया जाता है और लोग आते हैं. 

शैलेश ने बताया कि एक्टिंग मेरा शरीर है तो कविता मेरी आत्मा है. इसी के साथ मजाक करते हुए शैलेश ने कहा कि एंकरिग नहीं कर सकता क्योंकि पैसा कम है. फिर शैलेश बोले कि मजाक की बात है, लेकिन मैं बहुत आलस्य से भरा आदमी हूं. मैं इतना अनुशासनहीन हूं कि मैं ये कर ही नहीं सकता. शैलेश बोले कि वक्त के साथ बदलना जरूरी है. आपने देखा होगा कि जहां पानी ठहरता है काई वहीं आकर जमती है. बदलाव ही जिंदगी है. तो ये बहुत जरूरी है, मैं छोटे से गांव में पला बड़ा हूं. वहां से निकलकर बहुत कुछ बदला है खुद में. 

फेवरेट हैं रणबीर-आलिया

आज के दौर में शैलेश लोढ़ा को आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, विक्की कौशल बहुत पसंद हैं. पुराने दौर में नूतन और जया भादुड़ी शैलेश को बेहद पसंद हैं. इसी के साथ शैलेश बोले कि आज के दौर में नरेंद्र मोदी जी देश के सबसे लोकप्रिय नेता है. उन्हें सुनना मुझे भी पसंद है. वरना सुष्मा स्वराज, अरुण जेटली,अटल बिहारी बाजपेयी जी बहुत अच्छे लगते हैं. 

शैलेश ने एक फैन को स्टेज पर बुलाया, फैन ने उनके लिए पेंटिंग भी बनाई और लिखा- मिस यू तारक मेहता. इसी के साथ फैन ने कहा- आपने जबसे शो छोड़ा है मजा नहीं आता. इस बात पर शैलेश कुछ नहीं कह पाए- वो खामोश रहे और कुछ सवालों के जवाब सिर्फ खामोशी में छुपे होते हैं और यही बहुत कुछ कह जाती है.

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